Bokaro: जिले में दामोदर नदी के तट पर ग्रामीण क्षेत्र में सुरक्षित शवदाह गृह का निर्माण कराया गया है. इस शवदाह गृह का निर्माण बोकारो के बीजेपी विधायक विरंची नरायन के सहयोग से हुआ है. जिसका उपयोग ग्रामीणों द्वारा पंचायत भवन के रूप में (बैठक के लिए) किया जा रहा है. बोकारो के विस्थापितों ने भारतीय युवा विद्यार्थी विकास संघ के बैनर तले वनभोज-सह-मिलन समारोह का आयोजन किया. जहां विस्थापितों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए विचार रखे. नदी के किनारे शवदाह गृह के पास बने बरवाहरी मंदिर प्रांगण में विस्थापितों द्वारा भोज का आयोजन किया गया. बता दें कि इन्हें 1956 से लेकर अभी तक पंचायती राज्य की व्यवस्था से वंचित रखा गया है. इस मौके पर बोकारो के विभिन्न नन पंचायत गाँव के सैकड़ों की सँख्या में विस्थापित मौजूद थे.
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विस्थापितों की समस्याओं को सामने रखा
बैठक में शामिल ग्रामीण विस्थापित लखन सोरेन ने कहा की, 1956 में हमारे जमीन का अधिग्रहण बीएसएल द्वारा किया गया. उस समय से कोई विकास का काम नहीं हुआ. हम एमपी, एमएलए का चुनाव कर सकते हैं तो मुखिया का वोट क्यों नहीं दे सकते ? एशिया का महान कारखाना होते हुए भी हमें नियोजन नहीं मिला. अब हम अपनी जमीन पर हल चलाकर कुरथी और धान रोपेंगे. वनभोज-सह बैठक में उपस्थित ग्रामीण सह संघ के सदस्य रेहान अंसारी ने कहा की, आज की बैठक नियोजन एव पंचायती राज्य में शामिल करने के उद्देश्य से की गई है. और बैठक में रणनीति एवं आंदोलन पर चर्चा की गई. बैठक में मुख्य रूप शामिल भारतीय युवा विद्यार्थी विकास संघ के अध्यक्ष विजय तुरी ने कहा कि, बीएसएल प्लांट प्रबंधन हमारी नियोजन की प्रक्रिया चालू करे. अन्यथा हमारी जमीन वापस करे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम चरणबद्ध आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.
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