Jamtara: सांसद सुनील सोरेन ने शनिवार को संसद में फूलो झानो मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं को उजागर किया. सुनील सोरेन ने कहा कि, 2019 में झारखंड में 3 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई थी. इसमें दुमका स्थित मेडिकल कॉलेज की स्थिति दयनीय है. इस मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों के लिए न तो लैब की व्यवस्था की गई है, और ना ही कैडेवर केमिकल (मृत शरीर, जिससे मेडिकल के छात्र एक्सपेरिमेंट करते हैं) ऐसे में प्रथम वर्ष के छात्रों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि, इस मेडिकल कॉलेज में शिक्षक, लैब असिस्टेंट और पारा मेडिकल स्टाफ की भीरी कमी है. पुस्तकालय और पुस्तकालय के स्टाफ नहीं हैं. कॉलेज में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था और चिकित्सा के क्षेत्र में परेशानी हो रही है. इतना ही नहीं इस मेडिकल कॉलेज में बिजली पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं है.
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सांसद ने संसद में दी जानकारी
दुमका के एमपी सुनील सोरेन ने संसद में जानकारी दी कि, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा गठित राष्ट्रीय टीम ने फूलो झानो मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. और वहाँ मौजूद व्यवस्थाओं को अपने मापदंडों के अनुसार नहीं पाया. नतीजा यह हुआ कि इस मेडिकल कॉलेज में नए छात्रों के नामांकन पर रोक लगा दी गई है. सांसद ने स्वास्थ्य मंत्री से यह मांग की है कि, उचित मापदंडों के अनुसार इस मेडिकल कॉलेज के आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाए. ताकि इस गंभीर समस्या से उबरा जा सके. उन्होंने कहा कि, सभी उचित व्यवस्था शीघ्र हो, ताकि छात्रों की पढ़ाई सही ढंग से चल सके. और उनका भविष्य उज्ज्वल हो.
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सुनील सोरेन ने वादा किया पूरा
फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में आधारभूत संरचना और अन्य आवश्यक व्यवस्था की कमी के मुद्दे को संसद में उठाकर सुनील सोरेन ने अपना वादा पूरा किया है. गौरतलब है कि लगभग डेढ़ माह पहले इस मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने व्यवस्थाओं की कमी को लेकर लंबे समय तक धरना दिया था. सांसद उनसे मिलने गए थे और मेडिकल के स्टूडेंट्स से यह वादा किया था कि, हम आपकी समस्या को संसद में उठाएंगे. इस तरह सुनील सोरेन ने अपना वादा पूरा किया. अब देखना होगा कि, सरकार कब तक इस दिशा में आवश्यक पहल करती है ?
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