Koderma: शिक्षा को लेकर लड़कियां जागरूक हो रही हैं. इसका ताजा उदाहरण है गुड़िया कुमारी. डोमचांच के काराखुंट ग्राम की 16 साल की गुड़िया को जब शादी तय किये जाने की जानकारी हुई तो इसे रोकने का प्रयास शुरू कर दिया. पहले तो उसने घरवालों को समझाया. वे नहीं माने. तब उसने अपनी बाल पंचायत के साथियों से संपर्क किया. सभी डोमचांच के बीडीओ से मिले. उन्हें सारी बात बताई. BDO ने स्थानीय पुलिस की मदद से उसकी शादी को रुकवा दिया.
गुड़िया बहुत सामान्य परिवार से आती है. लेकिन बाल पंचायत की सदस्य के रूप में वह बाल अधिकारों के प्रति मुखर है. कुछ साल पहले उसके पिता का निधन हो गया था. उसकी मां अपने बड़े बेटे के साथ अभ्रक खदान में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करती है. किसी तरह पांच लोगों के परिवार का भरण पोषण करती है. पिछले वर्ष भी गुड़िया का बाल विवाह कराने का प्रयास हुआ था. जिसे चाइल्ड लाइन और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन (KSCF) ने प्रयास कर रोक दिया था. उसके बाद फिर शादी तय कर दी गयी. तब उसने केएससीएफ के कार्यकर्ताओं से संपर्क किया. उनसे शादी को रोकने का आग्रह किया. केएससीएफ के प्रयास के बाद परिवार ने उसकी शादी रोक दी.
एक शपथ पत्र दिया था कि वे अपनी बेटी की शादी तब तक नहीं करेंगे जब तक उसकी उम्र 18 साल नहीं हो जाती है. सितंबर में गुड़िया का चंद्रावती मेमोरियल हाईस्कूल डोमचांच में दाखिला हुआ. फिर से पढ़ाई शुरू हो गया. बाद में गांव में वह बाल पंचायत के उप मुखिया के रूप में चुनी गई. गुड़िया ने बाल अधिकारों सहित अन्य विषयों पर बैठक, प्रशिक्षण और अभियान में भाग लेना शुरू कर दिया. खुद के साथ ही दूसरों को भी बाल अधिकारों के प्रति जागरूक की. इस तरह से बालिका वधू बनने से गुड़िया बच गयी. गुड़िया ने कहा कि मैं बाल पंचायत की सदस्य हूं. मैं शादी अठारह साल बाद ही करुंगी. अब मैं बाल पंचायत की उप मुखिया हूं.
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बाल मित्रों ने जागरुकता अभियान छेड़ रखा है
गुड़िया ने कहा कि मुझे बाल अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी है. इसलिए मैं स्वयं अपने साथी बाल पंचायत सदस्य के साथ बीडीओ के कार्यालय गई. उनसे मदद मांगी. मेरी शादी रूक गयी. KSCF के कार्यकर्ता गोविंद खनाल ने कहा कि अभी शादी का सीजन है. इस दौरान बाल विवाह होने क़े संभावना बढ़ जाती है. जिसे रोकने क़े लिए बाल मित्रों ने जागरुकता अभियान छेड़ रखा है. अभी गुड़िया क़े साथ दो और बच्चियों की शादी चाइल्ड लाइन की मदद से रोका गया. इस दौरान बाल विवाह की जिले की ब्रांड एंबेस्डर और बाल पंचायत की मुखिया राधा पांडेय ने बच्चों के परिजनो से अपील की. कहा कि आप अपने नाबालिग बच्चों की शादी नहीं करें. बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को खत्म करने क़े लिए आगे आएं.
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