Bokaro : यास साइक्लोन की सूचना पहले से होने के बाद भी अधिकारियों की लापरवाही साफ देखने को मिल रही है. जहां गुड्स सेड में रखे 50400 बोरी गेहूं भींग कर खराब हो रहे है. गरीबों के लिए आया गेहूं खराब होने के लिए छोड़ दिया गया है.
मंगलवार शाम से हो रही बारिश में बोकारो रेलवे गुड्स सेड में
50400 बोरी गेहूं भींग रहा है. मंगलवार की देर रात 3 बजे 42 बोगी में 50400 बोरी गेहूं गरीबों के लिए आया है. 50400 बोरी में 2520 टन गेहूं पानी मे भींग रहा है. बोकारो जिले में यास चक्रवात का हाई अलर्ट है. इसके बावजूद पंजाब से आया गेहूं भींग कर बर्बाद हो रहा है.
मौके पर एफसीआई का कोई अधिकारी मौजूद नहीं है
मौके पर एफसीआई का कोई अधिकारी मौजूद नहीं है. जिससे कि इस बड़ी लापरवाही पर सवाल किया जा सके. सरकार के द्वारा गरीबों को दिया जाने वाला है अनाज यहा खुले आसमान में पानी से भींग रहा है. वहां कुछ लोग रेलवे बौगेन साफ कर रहे थे उनसे जब पूछा गया तो उन लोगों ने बताया कि यह गेहूं देर रात तीन बजे पंजाब से चलकर यहां आया है. सुबह वैगन से उतार दिया गया और खुले आसमान के नीचे यश चक्रवात के अलर्ट के बाद भीगने के लिए छोड़ दिया गया. वहां मौजूद रेलवे के एक कर्लक जिनका नाम एनके दुबे है उन्होंने बताया कि कल यह गेहूं यहां आया है. और खुले आसमान के नीचे रखा हुआ है तो उन्होंने ने कहा कि इसका जवाब बड़े पदाधिकारी देंगे.
इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है
वही स्थानीय युवक शुभम सिंह मुंडा ने बताया कि यहां कल भी चावल खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ था. आज सुबह-सुबह गरीबों को दिया जाने वाला गेहूं आया है जो खुले आसमान के नीचें भींग रहा है. इसकी सूचना पदाधिकारियों को दी गई है.लेकिन किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली. युवक का आरोप है इस तरह अधिकारी ट्रांसपोर्टर मिलकर अनाज को भींगा कर सड़ाने का काम करते हैं. ताकि स्कोर इधर-उधर बेचा का सकें. रेलवे ने जब ट्रेनों को रद्द कर दिया है तो आखिर पंजाब से यह माल रेलवे और एफसीआई ने क्यों मंगवाया. इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है और इस अनाज के खराब होने के लिए किसे दंडित किया जाएगा,यह आने वाला समय में पता चलेगा.
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