जनवरी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होने का खुलासा हुआ था. 30 जनवरी को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी.
NewDelhi : पीएनबी घोटाले के आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के क्यूबा भागते समय रास्ते में डोमिनिका में पकड़े जाने की खबर है. बता दें कि मेहुल चोकसी 23 मई की शाम को एंटीगुआ स्थित अपने घर से गायब हो गया था. उसके लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज की गयी थी. हालांकि, उसकी पहचान के एक शख्स ने दावा किया कि वो क्यूबा भाग गया है.
जान लें कि मेहुल चोकसी के पास एंटीगुआ की नागरिकता है. उसे डोमिनिका ने पकड़ा है. अब एंटीगुआ सरकार ने डोमिनिका की सरकार से मेहुल चोकसी को भारत को सौंपने का अनुरोध किया है. अगर ऐसा होता है कि नीरव मोदी से पहले मेहुल चोकसी भारत आ सकता है.
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वह डोमिनिका का नागरिक नहीं है
इंडिया टुडे सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि जिस समय मेहुल चोकसी को पकड़ा गया उस वक्त वह एंटीगुआ में नहीं था. वह डोमिनिका का नागरिक नहीं है. इंटरपोल द्वारा मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, इसलिए डोमिनिका की सरकार सीधे उसे भारत को सौंप सकती है.
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वह पानी के रास्ते भागने की फिराक में था
खबरों के अनुसार मेहुल चोकसी एंटीगुआ का नागरिक है. वह पानी के रास्ते भागने की फिराक में था, लेकिन जैसे ही चोकसी डोमिनिका पहुंचा, उसे अधिकारियों ने पकड़ लिया. सूत्रों के अनुसार डोमिनिका में डिटेन किये जाने के बाद से ही भारतीय एजेंसियां और अधिकारी उसे भारत वापस लाने के विकल्प तलाश रहे हैं. सीबीआई को भी मेहुल चोकसी के डिटेंशन के बारे में इंटरपोल से जानकारी मिली है.
बता दें कि एंटीगुआ की सरकार पहले ही डोमिनिका की सरकार से मेहुल चोकसी को भारत को सौंपने का अनुरोध कर चुकी है. फिर भी अगर किसी तरह का कानूनी दांव पेंच फंसता हैं तो मेहुल चोकसी को एंटीगुआ को ही सौंपा जायेगा. उसके बाद वहां से ही प्रत्यर्पण होगा.
मेहुल चोकसी जनवरी 2018 से फरार है
जनवरी 2018 की शुरुआत में पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होने का खुलासा हुआ था. इस मामले में 30 जनवरी को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. लेकिन उससे पहले ही इस घोटाले के दो मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भारत छोड़कर फरार हो गये थे. तब से ही दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है. नीरव मोदी ब्रिटेन में है और वहां के गृह मंत्रालय ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. हालांकि, इसके खिलाफ नीरव मोदी ने हाईकोर्ट में गुहार लगायी है.