Bokaro: संत जेवियर स्कूल सेक्टर-1 में तम्बाकू के दुष्परिणाम विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता फादर अरूण मिंज ने की. इस मौके पर जिला परामर्शी मो. असलम ने सभी बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणाम, तम्बाकू में पाये जाने वाले जहरीले तत्व के बारे में बताया, साथ ही कहा कि इसका शरीर पर घातक असर होता है. उन्होंने तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र और तम्बाकू छोडने के उपाय के बारे में बताया. परामर्शी सेवा लेने के लिए टाल फ्री नम्बर 1800-11-2356 पर फोन कर सकते हैं.
झारखंड में 38 फीसदी लोग करते हैं तंबाकू का सेवन
जिला परामर्शी मो. असलम ने बताया कि झारखण्ड में 38:9 प्रतिशत लोग तम्बाकू का उपयोग किसी न किसी रूप में करते हैं इसमें 59.7 प्रतिशत पुरूष, 17 प्रतिशत महिलायें हैं. वहीं 5.1 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो सिर्फ 13-15 आयु में तम्बाकू का उपयोग करना शुरू कर देते हैं.
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तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान घोषित करने के मापदंड
◆ शिक्षण संस्थान परिसर के अन्दर सभी प्रमुख स्थलों पर “तम्बाकू मुक्त क्षेत्र” साईनेज का प्रदर्शन
◆ साइनेज मे नाम/पदनाम/ सम्पर्क नम्बर का उल्लेख / अद्यतन किया गया है.
◆ संस्थान के प्रवेश द्वार / चाहरदीवारी पर तम्बाकू मुक्त क्षेत्र” | साइनेज का प्रदर्शन.
◆ साइनेज में नाम / पदनाम / सम्पर्क व नम्बर का उल्लेख अद्यतन किया गया है.
◆ परिसर के अन्दर तम्बाकू, तम्बाकू उत्पाद के उपयोग का कोई सबूत नही है, अर्थात सिगरेट / बीड़ी बटस या छोडे गए गुटका / तम्बाकू के पाउच / थूकने के धब्बे नही पाए गए.
◆ परिसर में तबाकू के दुष्परिणाम को दर्शाती पोस्टर एवं अन्य जागरूकता सामग्री का प्रदर्शन
◆ पिछले 6 महीनों के दौरान कम से कम एक तम्बाकू नियंत्रण गतिविधि का आयोजन.
◆ तम्बाकू मॉनिटर का नाम / पदनाम और सम्पर्क नम्बर का उल्लेख साइनेज पर किया गया है.
◆ शिक्षण संस्थान के आचार संहिता के कोट में तम्बाकू का उपयोग नहीं किए जाने संबंधित मानदंड का समावेश.
◆ शिक्षण संस्थान की चाहरदीवारी से 100 गज क्षेत्र के दायरे को पीली रेखा द्वारा तम्बाकू मुक्त क्षेत्र अंकित किया जाना.
◆ शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानें नहीं होना चाहिए. कार्यक्रम के दौरान स्कूल के शिक्षक दीपक कमार एवं अन्य स्टाफ, सोशल वर्कर छोटेलाल दास, सपोर्ट, स्टाफ व बच्चे उपस्थित थे.
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