Bokaro : मंगलवार को आदिवासी सेंगेल अभियान से जुड़े संथाल समाज ने डीसी कार्यालय के समक्ष धरना देकर पारसनाथ पहाड़ अर्थात मरांग बुरु को संथाल आदिवासियों को सुपुर्द करने की मांग की. धरना का नेतृत्व झारखंड प्रदेश संयोजक करमचंद हांसदा ने किया. धरना के दौरान से एक प्रतिनिधि मंडल डीसी की अनुपस्थिति में अपर समाहर्ता सादात अनवर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. नेताओ ने मरंगबुरू को जैन धर्मावलम्बियो को सौंपे जाने का विरोध किया है.
धरना को संबोधित करते हुए अरुण किस्कू ने कहा कि पारसनाथ पहाड़ हमारे लिए ईश्वर से थोड़ा भी कम नहीं है. मारंग बुरु पर हमला आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी पर हमला है. नेताओ ने कहा कि मारंग बुरू हमारे लिए सर्वोच्च पूजा स्थल और तीर्थ स्थल है. उसी प्रकार लुगू बुरु जो झारखंड के बोकारो जिले में अवस्थित है, अयोध्या बुरु जो पुरुलिया जिला (पश्चिम बंगाल) में है, भी हमारे महान तीर्थ स्थल हैं. धरना को आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रदेश अध्यक्ष देव नारायण, बोकारो जोनल हेड अरूण किस्कू व आनंद टुडू ने संबोधित किया.
गौरतलब है कि मंगलवार को आदिवासी सेंगेल अभियान के तहत पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के आह्वान पर झारखंड, बिहार, बंगाल, उड़िसा और असम के 50 जिला मुख्यालयों में मारंग बुरू को बचाने के लिए धरना दिया गया.
यह भी पढ़ें : बोकारो : जहां दी जाती थी नरबलि, वहां अब मुर्गा उड़ाने की परंपरा