Bokaro : 72 दिनों से धनघरी गांव के ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर धरना स्थल पर 24 घंटे जमे रहे हैं. ठंड के कारण दो धरनार्थियों की हालत बिगड़ी हुई है. एक धरनार्थी नजमा बीबी को चिकित्सको ने अस्पताल से छुट्टी दे दी है. वहीं इरफान अंसारी अभी भी अस्पताल में भर्ती है. मालूम हो कि 72 दिन पूर्व रेलवे व जिला प्रशासन कोर से गांव के 16 परिवारों के घर को डोजरिंग कर जमींदोज कर दिया था. तब से ही ग्रामीण उसी स्थल पर 24 घंटे धरना पर बैठे हुए हैं. ग्रामीणों की मानें तो कई बच्चे भी ठंड के कारण बीमार होने लगे हैं. बता दे कि रेलवे ने विस्तारीकरण को लेकर इनके घरों को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया है. जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यदि हमारी जमीन का अधिग्रहण किया गया तो विस्थापन कब हुआ, ये बताया जाए. ग्रामीण क्लामुदिन अंसारी ने कहा कि हमे पुनर्वासित नहीं किया गया और न ही जमीन की मुआवजा राशि दी गई. कहा कि जब तक जमीन नहीं लौटाई जायेगी धरना ज़ारी रहेगा.
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प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने बनाई दूरी
ग्रामीणों के मुताबिक धरना का 72वां दिन है. लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी व स्थानीय सांसद और विधायकों ने अब तक उनकी सुधि तक नहीं ली. रविवार को धरनार्थियों से निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने मिलकर उनके समस्याओं को विधानसभा में उठाने का आश्वासन दिया है.
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