Bokaro : अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ योगेश कुमार सिंह (स्पेशल कोर्ट) के कोर्ट ने मंगलवार को दुष्कर्म में दोषी रेलकर्मी 23 वर्षीय प्रवीण कुमार को 10 वर्ष का सश्रम सजा सुनाया है. सजायाफ्ता दक्षिण पूर्व रेलवे के मुरी अस्पताल में सीनियर फार्मासिस्ट है. सजा के साथ कोर्ट ने 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है, जो पीड़िता को दिया जाएगा. इससे पहले हाईकोर्ट के आदेश से दोषी पीड़िता को विक्टिम कम्पनशेसन के तौर पर कोर्ट के माध्यम से दो लाख रुपए दे चुका है. सरकार की ओर से कोर्ट में अभियोजन का पक्ष रखने वाले विशेष लोक अभियोजक आरके राय ने यह जानकारी दी है. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि 14 नवंबर 2018 को पीड़िता का दोषी के साथ शादी तय हुआ. इसके बाद से दोषी पीड़िता के घर लगातार आता जाता रहा. इसी कड़ी में छठ में वो शाम के वक्त पीड़िता के घर पंहुचा. पीड़िता की मां छठ का प्रसाद वितरण करने गई थी. पीड़िता घर में बिल्कुल अकेली थी. इसका फायदा उठा कर दोषी ने जबरदस्ती पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाया. पीड़िता की मां जब घर पहुंची, तो उसने माँ से दोषी के इस हरकत का जिक्र किया. इस बात पर पीड़िता के घर वालों ने दोषी को घेरकर हंगामा शुरू कर दिया. आक्रोशित पीड़िता व परिजन को देखते हुए दोषी ने कहा कि उसे शादी तो करनी ही है, फिर इस बात को तूल ना दिया जाए. दोषी के इस बात पर माहौल शांत हो गया. इस बीच दोषी ने शादी दूसरे जगह तय कर शादी की तैयारी शुरू कर दी. इस बात की भनक लगने पर जब पीड़िता ने परिजनों के साथ दोषी के पास पंहुची, तो दोषी ने पीड़िता के साथ शादी करने से साफ इंकार कर दिया. इसके बाद 18 जून 2019 को पीड़िता ने बोकारो महिला थाने में दोषी के खिलाफ दुष्कर्म का प्राथमिकी दर्ज कराया था.
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