Bokaro: राज्य में 2024 तक हर घर में नल जल योजना के तहत पेयजलापूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. दूसरी ओर चास में शुरू हुई जलापूर्ति योजना का फेज दो का काम चार वर्षों में भी पूरा नहीं हुआ है. राज्य सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2018 में की थी. इस कार्य को 2021 के अप्रैल माह तक पूरा करना था. लेकिन अभी तक 70 प्रतिशत भी कार्य पूरा नहीं हुआ है. ऐसी स्थिति में चास के लोगों को अभी और इंतजार करना होगा. विभागीय आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2021 तक 64 प्रतिशत कार्य हो पाया है. इसके बाद निगम ने सख्ती बरती. एकरारनामे के मुताबिक 2021 में कार्य फाइनल होना था. जो नहीं हुआ.
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चास का जलस्तर गिरता जा रहा है
बताया जाता है कि इस योजना पर 156 करोड़ रुपए खर्च किये जाने थे. हलांकि कुछ घरों में जलापूर्ति शुरू की गई है. जबकि चास का जलस्तर गिरता जा रहा है. जिससे चास के कई मुहल्लों में पेयजल संकट बरकरार है. इस योजना के तहत लगभग आधा दर्जन जगहों पर जलमीनार निर्माणाधीन है. अभी और वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है. जलापूर्ति योजना के नोडल पदाधिकारी सह शहरी संरचना विशेषज्ञ अमन मलिक ने बताया कि संवेदक पर निगम लगातार दबाव बना रहा है. प्रयास है कि जल्दी कार्य पूरा हो जाय. बता दें की जलापूर्ति योजना फेज वन की 2015 में आधारशिला रखी गई थी. जिसके बाद चास के लक्षित घरों में जलापूर्ति शुरू हुई थी. विभागीय आंकड़े बताते हैं कि 1 लाख 26 हजार घरों में जलापूर्ति शुरू की गयी है. लेकिन अभी हजारों लोग जलापूर्ति समस्याओं से निराकरण की उम्मीद में हैं.
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