- आत्मनिर्भर बनने के साथ ही निर्यात की ओर बढ़ने के दिशा में कदम
Ranchi : झारखंड में इस साल मछली का बंपर उत्पादन हुआ है. मछली उत्पादन को नयी ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. सरकार से लेकर विभाग के अधिकारी भी इस लक्ष्य को पूरा करने में लगे हुए हैं. गत वर्ष राज्य में मछली उत्पादन लक्ष्य से अधिक रहा. 2021 में मत्स्य निदेशालय नें मछली उत्पादन का लक्ष्य 265 मैट्रिक टन रखा था. जिसके मुकाबले 295 लक्ष्य मछली का उत्पादन हुआ था. इस देखते हुए कहा जा रहा है कि आने वाले समय में राज्य मछली उत्पादन और खपत के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा. वहीं मत्स्य निदेशालय का मानना है कि अगले दो-तीन साल में राज्य मछली का निर्यात करने में भी सक्षम हो जायेगा. मछली उत्पादन के मामले में औसत वार्षिक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मत्स्य पालन पर विशेष फोकस किया है, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ाये जा सके. वर्ष 2024-25 तक मछली का निर्यात बढ़ाने के दिशा में भी काम किया जा रहा है. राज्य में 1056 स्थानों पर मछली बीज तैयार किए जा रहे हैं. 2015-16 में 115 मैट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ था, जो 2021-22 में बढ़ कर 295 मैट्रिक टन हो गया.
वर्ष उत्पादन (मैट्रिक टन में)
2015-16 115
2016-17 145
2017-18 190
2019-20 208
2020-21 223
2021-22 295
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डैम, तालाब है उत्पादन केंद्र
झारखंड में करीब 1.77 लाख हेक्टेयर का जल क्षेत्र उपलब्ध है. इसमें राज्य की कुल 16 बड़ी नदियों का जल क्षेत्र शामिल नहीं है. मछली का उत्पादन मुख्यतः तालाबों और डैम में हो रहा है. राज्य भर में 15496 सरकारी व 85849 निजी तालाब हैं. इनमें रेहू, कतला व अन्य मछलियों का पालन मत्स्य किसान कर रहे हैं.
किसानों तक उन्नत नस्ल पहुंचा रहा मत्स्य निदेशालय
राज्य में अब मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ बेहतर और उन्नत नस्ल की मछली लोगों तक पहुंचाने की कोशिश शुरू हो चुकी है. उन्नत किस्म की मछली ज्यादा स्वादिष्ट होगी. बीमारी से मुक्त होगी. साथ ही इसका आकार भी बड़ा होगा और जल्दी से ग्रोथ भी होगा. इसका सबसे अधिक फायदा किसानों को होगा, क्योकि अगर उत्पादन अधिक होगा, तो किसानों को उससे मुनाफा ज्यादा होगा.
मछली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कदम
मत्स्य विभाग के निदेशक डॉ एचएन द्विवेदी ने कहा राज्य में मछली उत्पादन बढ़ाने में तकनीक ने कारगर भूमिका निभाई है. बेहतर तकनीक किसानों तक पहुंचाने में मत्स्य निदेशालय भूमिका निभा रहा है. मछली उत्पादन के मामले में औसत वार्षिक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मत्स्य पालन पर विशेष फोकस किया है.
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