Bokaro: बोकारो में वेदांता ग्रुप की ESL में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें कंपनी ने अपने लक्ष्य और कार्य की चर्चा की.
जलवायु परिवर्तन का विषय महत्वपूर्ण है
कार्यक्रम में वेदांता समूह के CEO सुनील दुग्गल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का विषय हमारे लिये महत्वपूर्ण है. यह समय हम सभी के लिए इस वास्तविकता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का है. वेदांता इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हुए भविष्य में ग्रीन मेटल्स के लिए कार्य करने के लिए आगे बढ़ रहा है. कंपनी 2025 तक कंपनी संयंत्र में चलने वालो सभी वाहनों को पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का लक्ष्य रखी है. अगले चरण में बसों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा. ईएसएल की इस पहल से कार्बन उत्सर्जन में सालाना 430 टन की कमी आएगी. क्योंकि पेट्रोल या डीजल पर चलने वाले पारम्परिक वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण के लिए बेहतर होते हैं. इससे शोर भी कम होता है. इससे प्रदूषण का स्तर कम रहता है.
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पेड़ लगाने से एक घना ग्रिड बनेगा
सीईओ ने कहा कि मियावाकी पद्धति अपनायी गयी है. इसे ईएसएल ने संयंत्र परिसर में सौंदर्य की दृष्टि से हरियाली के लिए ग्रीन बेल्ट विकास की अंब्रेला परियोजना के तहत शुरू किया है. इससे वृक्षारोपण के मानक मोड की तुलना में विकास दर में 10 गुना वृद्धि और घनत्व में 30 गुना वृद्धि होगी. इसमें प्रति वर्ग मीटर में दो से चार पेड़ लगाने से एक घने ग्रिड का निर्माण होगा, जो कंक्रीट के ताप द्वीपों में तापमान को कम करने में मदद करेगा. दुग्गल ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने से अधिक खनिज-सघन दुनिया बन जाएगी. क्योंकि इलेक्ट्रिक कारों को पारंपरिक कार की तुलना में छह गुना अधिक खनिजों की आवश्यकता होगी और तटवर्ती हवा को गैस फील्ड प्लांट की तुलना में नौ गुना अधिक खनिज की आवश्यकता होगी.
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