Ranchi : रांची शहर के ह्दय स्थल पर स्थित सदर अस्पताल की नयी बिल्डिंग का काम पिछले 14 वर्षों से हो रहा है. लोग बाट जोह रहे हैं कि कब इस नयी बिल्डिंग का काम पूरा होगा और शहर की स्वास्थ सेवा में वृद्धि होगी. इतना ही नहीं जब काम शुरू हुआ था तो इसकी लागत 167 करोड़ रुपये आंकी गयी थी, पर दिन बीतने से साथ अब इसकी लागत बढ़कर 308 करोड़ रुपये हो गयी है.
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2007 में हुआ था नयी बिल्डिंग का शिलान्यास
नयी बिल्डिंग का शिलान्यास 2007 में हुआ था, बनने की प्रक्रिया में ही अस्पताल को हैंड ओवर करने के लिए छह बार समय भी दिया गया, लेकिन अब तक न तो यह अस्पताल पूरी तरह बनकर तैयार हो पाया है और न ही इसे हैंड ओवर किया गया है. भवन के शिलान्यास के 10 साल बाद अगस्त 2017 में 200 बेड का उद्घाटन किया गया था.
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हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी हैंड ओवर नहीं
हाईकोर्ट ने 28 नवंबर 2017 को सदर अस्पताल भवन का काम पूरा कर हैंड ओवर करने का निर्देश दिया था. विलंब हुआ तो उच्च न्यायालय में वाद दायर किया गया. फिर हाईकोर्ट ने दिसंबर 2018 तक निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया. काम फिर भी पूरा नहीं हुआ. इसके बाद एक बार फिर डेडलाइन तय करते हुए हैंड ओवर की तारीख 28 फरवरी 2019 तय की गयी. 2020 में भी काम पूरा करने के लिए दो-तीन बार समय दिया गया. इस साल पहले 30 जून, फिर आखिरी बार सरकार ने कंपनी को सितंबर 2021 तक काम पूरा करने का समय दिया था, लेकिन काम पूरा नहीं हो सका है.
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167.56 करोड़ का एग्रीमेंट किया गया था
सदर अस्पताल के 500 बेड वाले भवन के निर्माण के लिए 167.56 करोड़ का एग्रीमेंट किया गया था. देर होने के कारण राशि बढ़कर 308 करोड़ पहुंच चुकी है और अब तक निर्माण का काम भी पूरा नहीं हो सका है.
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स्वास्थ्य मंत्री रिम्स का बोझ कम करने की करते हैं बात
वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कई बार कह चुके हैं कि रिम्स का भार कम करना है, ताकि मरीजों का इलाज बेहतर ढंग से किया जा सके. इसके लिए वह पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहते हैं, लेकिन सवाल है कि जब राजधनी रांची के बीचो बीच बन रहे सदर अस्पताल को हैंड ओवर लेने में एक दशक से भी ज्यादा समय गुजर गया, तो राज्य की बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की कल्पना कैसा की जाए.