Chandwa : चंदवा शहर के कुसुमटोली स्थित कृषि फार्म के प्रांगण में प्रकृति पर्व सरहुल की तैयारी को लेकर बैठक हुई. सरना समिति के अध्यक्ष सह प्रखंड पड़हा राजा धनेश्वर उरांव की अध्यक्षता में रविवार को बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में सरहुल पर्व को भव्य एवं आकर्षक मनाने का निर्णय लिया गया. सरहुल पर्व गर्मी के मौसम के शुरुआती समय में मनाया जाता है. इस समय तक सभी पेड़ पौधों की पत्तियां झड़कर उनमें नई कोपलें उग आती हैं. सखुआ के पेड़ पर सफेदी लिए नये फूल खिलने लगते हैं. आदिवासी इन्हीं साल के फूलों से प्रकृति का पूजन कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं.
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आदिवासियों के लिए विशेष महत्व रखता है सरहुल- धनेश्वर उरांव
बैठक को संबोधित करते हुए पड़हा राजा धनेश्वर उरांव ने कहा कि सरहुल पर्व आदिवासियों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस मौके पर खेतों से खेती की कटाई के बाद प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए प्रकृति की पूजा की जाती है. सरहुल पर्व के सफल संचालन के लिए 27 सदस्य समिति का गठन किया गया. इसमें अध्यक्ष चंद्रदेव उरांव, सचिव राहुल उरांव, कोषाध्यक्ष बिनोद भगत समेत शितमोहन मुंडा, जतरु कुमार मुंडा, अनूप बड़ाइक, सुवेश्वर उरांव, हरि कुमार भगत, मंजय उंराव, सुरेशनाथ लोहरा, राजेंद्र भगत, देवमोहन सिंह समेत अन्य को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है.कार्यकारणी की अगली बैठक 19 मार्च को रखी गई है.
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