- ऐसे हाल में क्यों नहीं चौड़ी रहेगी रंगदारों की छाती
- गोपालीचक में वारदात के पंद्रह दिन में सिर्फ तीन धराये, जबकि तेतुलमुढ़ी में दो गए जेल
Dhanbad : एक पखवारे के दौरान धनबाद जिले के दो कोल डंपों में रंगदारी को लेकर जमकर बवाल काटा गया. गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजती रही और बमों के धमाकों से दहशत फैलाने का काम किया गया. दोनों वारदातों में पुलिस सामने थी, सब कुछ पुलिस के सामने ही हुआ और अंत में पुलिस ने खोखे और बम की सुतरी बरामद कर एफआईआर का कोरम पूरा किया. एफआईआर करने में पुलिस ने कहीं कोई कोताही नहीं, दोनों वारदातों में आधा दर्जन मुकदमे दर्ज किए गए और इन मामलों में साढ़े पांच सौ के करीब आरोपी बनाए गए हैं, लेकिन जैसे ही बात गिरफ्तारी की आती है तो पुलिस का रवैया संदिग्ध हो जाता है, यकीन नहीं होगा कि इन दोनों विवादों में साढ़े पांच सौ अभियुक्तों में सिर्फ पांच लोग ही गिरफ्तार किए गए और वो भी वह लोग जो या तो बवाल की शिकायत करने थाने पहुंचे थे या फिर विवाद में जख्मी होकर अस्पताल में भर्ती थे.
गोपालीचक वारदात : 15 दिनों में सिर्फ तीन डाले गए सलाखों के अंदर
24 फरवरी को गोपालीचक के एनएसआर आउट सोर्सिंग के पास कोल डंप में ट्रकों की लोडिंग के बहाने सिंह मेंशन और रघुकुल समर्थकों में भिड़ंत हुई थी. इस विवाद में दोनों तरफ से करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस के सामने ही गोलीबारी और बमबाजी भी हुई. सोनू यादव नामक युवक को गोली भी लगी थी. दोनों तरफ कई जख्मी हुए और पुलिस ने जिंदा कारतूस, पांच बम भी बरामए किए थे. इस विवाद में तीन प्राथमिकियां दर्ज हुई थी. तीनों में 53 नामजद और करीब डेढ़ सौ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा कायम हुआ, लेकिन वारदात के पंद्रह दिन गुजरने के बाद भी इन तीनों प्राथमिकी के सिर्फ तीन लोग ही गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाले जा सके.
तेतुलमुढ़ी की वारदात में सिर्फ दो गिरफ्तार
9 मार्च को तेतुलमुढ़ी कोलडंप में विधायक ढुल्लू के समर्थक और झामुमो नेता हरेंद्र चौहान, कांग्रेस नेता राम रहीम समेत अन्य के समर्थकों के बीच बवाल हो गया. जगजाहिर है कि यहां भी विवाद की पृष्ठभूमि रंगदारी ही है. इस विवाद में भी जमकर फायरिंग हुई और बम फोड़े गए. सारा विवाद पुलिस के सामने ही हुआ, फिर एफआईआर की प्रक्रिया पूरी की गई. 50 से अधिक लोग नामजद अभियुक्त बनाए गए और 400 के करीब अज्ञातों को प्राथमिकी में लाया गया. अब गिरफ्तारी की बात की जाए तो सिर्फ दो. ऐसे में रंगदारों को किस बात का डर लगेगा. पैसे के दम में आदमी बुलाकर बवाल कराना और जब तक जमानत न हो तब तक छिप कर रहना या फिर पुलिस को मैनेज कर लेना. ऐसा ही कर विधि-व्यवसथा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
पैसे लेकर बवाल करना मकसद : एसएसपी
धनबाद एसएसपी एचपी जर्नादनन ने बताया कि गोपालीचक मामले में पकड़कर जेल भेजे तीनों ने पुलिस के सामने इस बात को कबूल किया है, उन लोगों का लोडिंग या मजदूरी से कोई नाता नहीं है. इन लोगों को बवाल करने के लिए पांच-पांच हजार रुपये दिए गए थे. इन लोगों ने वैसा ही किया रकम वसूली और कोल डंप में आकर खूब बवाल किया. ऐसे में अब पुलिस के पास वो नाम भी होंगे कि पैसे देकर किन लोगों ने बवाल कराया है, उम्मीद है ऐसे लोगों को भी पुलिस बेनकाब करने का काम करेगी. एसएसपी ने यह भी बताया है कि जिन लोगों के खिलाफ तीन या इससे अधिक मुकदमे दर्ज हैं, उनके खिलाफ पुलिस सीसीए के तहत कार्रवाई करेगी.
धरना-प्रदर्शन के नाम पर चलती रंगदारी की दुकान
कोयलांचल के आउट सोर्सिंग स्थल या फिर कोल डंपों में जहां ट्रकों से कोयले की लोडिंग होती है, इन जगहों पर धरना-प्रदर्शन के नाम पर रंगदारी की दुकान चलाई जा रही है. इनमें विधायक स्तर से लेकर छोटे-मोटे टपोरी तक शामिल हैं. हर कद के अनुसार नोट की गड्डी गिरती है. कुछ चर्चित हैं, जो अक्सर इन विवादों में सामने आते हैं, लेकिन पुलिस इन्हें नजरअंदाज कर आगे बढ़ जाती है. गोलू रवानी, मुकेश सिंह, सुरेंद्र सिंह, नवीन पंडित, नीतीश यादव, विजय पासवान, प्रमोद सिंह, नगेंद्र उपाध्याय, बिट्टू, बीडी सिंह, विराट सिंह समेत कई अन्य हैं.
राजा राम यादव ने दे रखा है अल्टीमेट
विधायक ढुल्लू महतो का खास गुर्गा है राजाराम यादव, जिसके खिलाफ तेतुलमुढ़ी कोल डंप बवाल में नामजद प्राथमिकी है, उसने सोमवार को फिर एक धरने का अल्टीमेटम दे रखा है. उसने युनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन के बैनर तले तेतुलमारी के राधा चेन्नई इंजीयिरिंग वर्कर्स प्राइवेट लिमिटेड में धरना देने की बात कही है. यहां भी रोजगार के नाम पर रंगदारी के खेल से इंकार नहीं है. मजे की बात यह है कि इस धरना को लेकर दिए गए लेटर पैड में भाजपा से बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो एक कामरेड नेता हैं और इस मजदूर यूनियन के केंद्रीय सचिव भी हैं. अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि रंगदारी के खेल में कैसे-कैसे पापड़ बेले जा रहे हैं.
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