Patna : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जातीय जनगणना पर शनिवार को तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में तेजस्वी राजनीति न करें, इस मामले में मुख्यमंत्री ही पहल करेंगे. श्री मांझी ने आगे कहा कि यह सबके लिए यह जरूरी है. शुरू से हम कहते आ रहे हैं, हमारा संविधान कहता है कि जिसकी जितनी जनसंख्या भारी, मिलेगी उसको उतनी हिस्सेदारी. जब हिस्सा लेने की बात है तो ऐसा तो नहीं कि जिसकी आबादी ज्यादा है वह कम लेगा और जिसका कम है वह ज्यादा लेगा. यह देखते हुए जातीय जनगणना बेहद जरूरी है.
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तेजस्वी ने 33 वरिष्ठ नेताओं को लिखा पत्र
मालूम हो कि शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना की मांग को लेकर देश की विभिन्न पार्टियों के 33 वरिष्ठ नेताओं को केंद्र सरकार की उदासीन एवं नकारात्मक रवैये और सबकी सांझा आशंकाओं और जिम्मेदारियों के संदर्भ में पत्र लिखा है. तेजस्वी ने कहा कि जाति आधारित जनगणना की मांग को राष्ट्र निर्माण में एक आवश्यक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए.
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सर्वदलीय दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था
श्री मांझी ने कहा कि बहुत पहले ही जातीय जनगणना कराने के संबंध में बिहार के नेताओं का एक सर्वदलीय दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था. प्रधानमंत्री ने सबकी बातों को सुना और उन्होंने जहां पूछा उसका जवाब भी हमने दिया. कहा कि हमलोगों को आशा थी कि हमारी बातों को सुनने के बाद प्रधानमंत्री जातीय जनगणना कराने का आदेश देंगे या निर्णय लेंगे. अब पता चल रहा है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कह दिया है कि जातीय जनगणना नहीं कराई जाएगी.