New Delhi : गृह मंत्रालय ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी रहे रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर के एनजीओ के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है. मंदर ‘अमन बिरादरी’ नाम का एनजीओ चलाते हैं. फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट के उल्लंघन के लिए ऐसा किया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में मंदर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य रह चुके हैं. इसकी कमान सोनिया गांधी के हाथों में थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनजीओ के खिलाफ जांच की सिफारिश ऐसे समय की है जब कुछ ही दिन पहले सरकार ने दिल्ली के टॉप थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित किया था. एफसीआरए कानून विदेश से मिलने वाले चंदे को रेगुलेट करता है. 2021 में हर्ष के घर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की थी. तब इस कार्रवाई का एक्टिविस्ट, वकीलों और अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने तीखा विरोध किया था.
यूपीए सरकार में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के रहे सदस्य
बतौर आईएएस मंदर मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में 20 साल सेवाएं दे चुके हैं. 2002 में गुजरात दंगों के बाद मंदर ने सिविल सर्विस से इस्तीफा दे दिया था. वह सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने लगे. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वह राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य रहे. इसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं.मंदर कई किताबें लिख चुके हैं. सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों से संबंधित विषयों पर अखबारों के संपादकीय में उनके लेख आते रहे हैं. मंदर के घर और दफ्तर पर 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने छापेमारी की थी.
टॉप थिंंक टैंक का लाइसेंस हुआ था निलंबित
इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्रालय ने लुटियंस के टॉप थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित किया था. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सीपीआर परिसर में सर्वे किए जाने के महीनों बाद मंत्रालय ने यह कदम उठाया था. बताया जा रहा है कि एनजीओ अमन बिरादरी की स्थापना एक जन अभियान के तौर पर की गई थी, जो धर्मनिरपेक्ष, शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण दुनिया के लिए की गई थी.
इसे भी पढ़ें –अमेजन फिर 9 हजार कर्मचारियों को नौकरी ने निकालेगा
Subscribe
Login
0 Comments