Bermo: सीसीएल ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक एमके अग्रवाल ने रैयतों के जमीन अधिग्रहण पर मुआवजा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि जमीन अधिग्रहण पर सीसीएल द्वारा प्रति एकड़ 9 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने की सहमति बनी है. बताया कि CCL के सीएमडी पीएम प्रसाद के प्रयास से मुआवजा राशि तय हो चुका है. उनके क्षेत्र में सीसीएल द्वारा निर्धारित मुआवजा पाने वाले हराघन दिगार प्रथम रैयत होंगे.
उन्होंने कहा कि मुआवजा राशि के निर्धारण से विस्थापितों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगा है. अग्रवाल ने बताया कि पिछरी कोलियरी में 458 एकड़ जमीन है. इसमें 300 एकड़ से अधिक रैयती भूमि है. कई रैयत के पास और अंचल से राज्य स्तर पर भी खतियान उपलब्ध नहीं रहने के कारण सत्यापन में दिक्कत हो रही है. लेकिन पेटरवार सीओ काफी सहयोग कर रहे हैं. रैयतो, श्रमिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और मीडियाकर्मियों का भी भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है. कहा कि सत्यापन के अलावा पर्यावरण क्लियरेंस प्राप्त करने और दामोदर नदी किनारे बांध की मजबूती की जांच करने का काम चल रहा है.
इसे भी पढ़ें- अमित शाह को क्यों कहना पड़ा कि मोदी निरंकुश नहीं हैं!
सीओ और रैयतों का भरपूर सहयोग मिल रहा है
उन्होंने बताया कि पिछरी कोलियरी के लिए मैनेजर नियुक्त कर दिया गया है. उन्हें सर्वेयर, अमीन और चैनमैन सहयोग के लिए दिया गया है. वे सीओ ऑफिस और रैयत के बीच रोज जाते हैं. भूमि सत्यापन को लेकर प्रयास करते हैं. सीओ और रैयतों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. शीघ्र ही पिछरी कोलियरी को चालू कराने में सफलता मिल सकती है. उन्होंने बताया कि उत्पादन में कोरोना शुरू से ही बाधक रहा. साथ ही अत्यधिक बारिश ने भी व्यवधान डाला है. इसके बावजूद लक्ष्य की प्राप्ति हो जाएगी. इसके लिए कठिन परिश्रम जरूरी होगा. जो कामगार और अधिकारी एक टीम वर्क के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने विजयादशमी के दिन 3 रैक कोयला डिस्पैच पर प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि रैक डिस्पैच में तेजी लाने का प्रयास जारी रहेगा.
इसे भी पढ़ें- पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सीपीआईएम ने धनबाद में दिया धरना, पीएम मोदी का जलाया पुतला