Garhwa : रंकागढ़ देवी मंदिर का शताब्दी स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. रंका के आचार्य भोला नाथ पांडेय, बालेश्वर दुबे और देवेंद्रनाथ पाठक ने वेद उच्चारण के साथ भगवती की पूजा अर्चना की. रंका के राजा कुमार गोवर्धन प्रसाद सिंह, उनकी धर्मपत्नी, रंका के युवराज गुलाब सिंह, मोरध्वज प्रसाद सिंह, गौरक्षण प्रसाद सिंह, दिलीप कुमार सिंह, धीरज कुमार सिंह, रविंद्र कुमार सिंह विनोद कुमार सिंह तथा गढ़ के समस्त परिवार की अगुवाई में मां की पूजा अर्चना की गई. इसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया. विदित हो आज ही के दिन 100 वर्ष पूर्व मां भगवती मंदिर की आधारशिला गढ़ परिवार की ऋतु राजेश्वरी कुंवारी देवी ने रखी थी.
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भगवती जागरण के लिए सभी तैयारियां पूरी
सौ साल पूरे होने पर भगवती की विशेष पूजा अर्चना की गई. साथ ही साथ लोकल कलाकारों के द्वारा भजन कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर भव्य भंडारे का भी आयोजन किया गया. रात्रि 8 बजे से मुंबई के जाने-माने कलाकार इशरत जहां का भगवती जागरण होगा, इनके साथ झारखंड के धनबाद से दलजीत सिंह दीवाना तथा रांची के कलाकार भी भाग ले रहे हैं. भगवती जागरण के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
रंका थाना प्रभारी ने विधि व्यवस्था को लेकर लगभग 50 से 60 जवानों को मौके पर ड्यूटी लगाई है. थाना प्रभारी रामेश्वर उपाध्याय ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हमारे जवान लगे हुए हैं. कार्यक्रम में महिला पुलिसकर्मियों को भी लगाया गया है. वहीं रंका प्रखंड विकास पदाधिकारी देवानंद राम तथा अंचल पदाधिकारी शंभू राम भी मौके का मुआयना किया. रंका के वरिष्ठ नागरिक तथा नामधारी कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर घनश्याम पांडेय का कहना है कि भगवती मंदिर की सजावट भव्य की गई है. इस तरह से क्रियाकलाप से लोगों में धार्मिक भावना और प्रगाढ़ होता है. बड़ा भगवती के दरबार में आने वाले हर भक्तों की इच्छा पूर्ण होती है ऐसी मान्यता है.
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