– जो वन पट्टे खारिज हुए हैं, उन्हें 3 महीने में रिन्यू करेगी सरकार
– सामूहिक भोज के लिए गरीब आदिवासियों को 100 किलो चावल और 10 किलो दाल मिलेगा
Ranchi: रांची के मोरहाबादी मैदान में झारखंड जनजातीय महोत्सव 2022 का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि वह भारत सरकार से मांग करते हैं कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करे. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जो वन पट्टे खारिज हुए हैं, उसे 3 महीने में रिन्यू किया जाएगा.
महाजनों से लिया कर्ज अब गरीब आदिवासियों को वापस नहीं करना होगा
उन्होंने कहा कि महाजनों से लिया कर्ज अब गरीब आदिवासियों को वापस नहीं करना होगा. इसके लिए सरकार कानून बनाएगी. सीएम ने कहा कि मृत्यु के बाद दिए जाने वाले सामूहिक भोज के लिए गरीब आदिवासियों को कर्ज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्हें 100 किलो चावल और 10 किलो दाल दिया जाएगा. अगर सामूहिक भोज के लिए कर्ज लेने की जरूरत पड़े तो लोग साहूकारों से नहीं बैंकों से कर्ज ले.
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हर साल 9 अगस्त को भव्य तरीके से आदिवासी दिवस मनाया जाएगा
हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में पहली बार भव्य आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है, यह हमारे लिए गौरव का दिन है. उन्होंने कहा कि वे यह बात कभी समझ नहीं पाए 20 साल में जनजातियों के लिए राज्य में ऐसे कार्यक्रम क्यों नहीं हो पाए, जबकि यह प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले होना चाहिए था. उन्होंने घोषणा की कि आने वाले हर साल 9 अगस्त को भव्य तरीके से आदिवासी दिवस मनाया जाएगा.
सबकी नजर सिर्फ हमारी खनिज संपदा पर
सीएम ने कहा कि आदिवासी पहचान पर कई संकट खड़े हैं. बहुसंख्य संस्कृति में आदिवासियों के प्रति घृणा का भाव दर्शाया गया है. अगर जनजातियों के पास धन होता तो हम भी जैन और पारसी समुदाय की तरह अपनी संस्कृति को बचा पाते. सब कहते हैं जल बचाओ, जंगल बचाओ. आदिवासी बचाओ कोई नहीं कहता. सबकी नजर सिर्फ हमारी खनिज संपदा पर है. कुछ लोग हमें आदिवासी नहीं वनवासी कहना चाहते हैं. जरूरत है आम जन में आदिवासियों के प्रति सम्मान पैदा करने की.
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