Ranchi: मांडर में कांग्रेस से मिली करारी शिकस्त के बाद प्रदेश बीजेपी गहरी चिंता में डूब गई है. इस बीच हार को लेकर शीर्ष नेतृत्व ने झारखंड बीजेपी से रिपोर्ट मांगी है. सोमवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के अलावा पार्टी के अन्य वरीय पदाधिकारियों और विधायकों के साथ बैठक कर हार की समीक्षा की. यह जानने की कोशिश की आखिर कहां चूक हो गई. बीजेपी में क्या कमी रह गई कि बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज लगा देने के बाद भी वहां की जनता ने बीजेपी को नकार दिया.
इसे पढ़ें-रिनपास में ठीक होने वाले मरीज सीख रहे पूजा-पाठ, ऐसे होती है काउंसलिंग
पंचायत-पंचायत घूमने के बाद भी नहीं चला बाबूलाल का जादू
हार के बाद बीजेपी के कुछ नेता यह दलील दे रहे हैं कि मांडर विधानसभा सीट बीजेपी की नहीं थी, हां यह उम्मीद जरूर थी कि उपचुनाव में बीजेपी यहां से जीत सकती है. बीजेपी के एक नेता ने साफ-साफ यह भी कह दिया कि बाबूलाल मरांडी ने मांडर का जिम्मा उठा लिया था. एक-एक पंचायत में चुनाव प्रचार करने गये थे. एक बड़े आदिवासी नेता के रूप में उन्हें देखा जाता है. अगर उनकी इतनी मेहनत के बाद भी बीजेपी हार गई तो यह सचमुच पार्टी के लिए चिंता का विषय है. पार्टी इसपर मंथन जरूर करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि माना कि गंगोत्री कुजूर का जनाधार मांडर में नहीं है, जबकि बंधु तिर्की की वहां मजबूत पकड़ है. बीजेपी ने 2014 के इतिहास को देखकर गंगोत्री पर दांव खेला, लेकिन चुनाव परिणाम से साफ हो गया है कि उन्होंने 8 साल में मांडर में अपना मजबूत जनाधार नहीं बनाया है.
इसे भी पढ़ें-रांची: आजसू पार्टी 30 जून को मनाएगी हूल दिवस, शहीदों को दी जायेगी श्रद्धांजलि
हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी उठेगा मांडर में हार का मुद्दा
बीजेपी मांडर उपचुनाव में मिली हार के साथ-साथ 2019 के बाद हुए चारों उपचुनाव में मिली हार की भी समीक्षा कर रही है. आखिर क्या वजह है कि 2019 के बाद दो एसटी रिजर्व और दो जनरल सीट पर हुए उपचुनाव में एक भी सीट बीजेपी के खाते में नहीं आई. राष्ट्रीय स्तर पर भी मांडर उपचुनाव में मिली हार का मामला उठेगा. दो और तीन जुलाई को हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है. इसमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी शामिल होंगे. बैठक में यह चर्चा जरूर होगी कि आखिर कैसे रामपुर और आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली. वहीं मांडर में उसे हार का मुंह देखना पड़ा.