Chaibasa : चाईबासा जिले के गुवा थाना क्षेत्र के बोकना व आसपास के गांव के करीब 10 बाल मजदूरों को गुरुवार को मुक्त करा लिया गया. जिला बाल संरक्षण यूनिट ने महाराष्ट्र बाल संरक्षण इकाई की मदद से सड़क निर्माण के काम के लिए महाराष्ट्र बड़ी संख्या में ले जाए गए बाल मजदूरों को बरामद कर लिया. साथ ही इसमें शामिल बच्चें को बालगृहों में रखा गया है और अन्य युवकों व परिजनों को शेल्टर की प्रक्रिया की जा रही है. इन सभी को जल्द ही अपने गृह जिले लाया जाएगा. पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने गुरुवार की रात इसकी जानकारी श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चंपई सोरेन को ट्विटर के जरिए दी.
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सड़क निर्माण के लिए ले जाए गए थे, चार माह से नहीं दिया वेतन
मिली जानकारी के अनुसार इन बाल मजदूरों को रोजगार दिलाने के बहाने बहला-फुसलाकर महाराष्ट्र ले जाया गया था. वहां काम करने के बावजूद पिछले चार माह से इन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा था. जिसके कारण ना ही वे अपने परिजनों से संपर्क कर पा रहे थे और ना ही घर लौटकर आ पाने की स्थिति में थे. बोकना विकास समिति के अध्यक्ष सह गांव के मुंडा विक्रम चांपिया ने उनकी वापसी के लिए प्रशासन से गुहार लगाई थी.
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सरायकेला से ओड़िसा और फिर महाराष्ट्र ले जाया गया था
महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों में गुवा थाना क्षेत्र के नुईया गांव के मुंडा टोला के चार युवक चुन्नीलाल चांपिया, मोगरा चांपिया, माटा चांपिया तथा डेमका चांपिया भी शामिल हैं. चुन्नीलाल चांपिया ने फोन पर बताया कि बोकना गांव के युवक जुरिया चांपिया ने उसे काम दिलाने के बहाने उसे सरायकेला ले गया. दो दिन सरायकेला में रहने के बाद उसे ओड़िशा चंपुआ ले जाया गया. वहां पर भी एक दिन रहने के बाद उसे भुवनेश्वर ले जाया गया. वहां पर काम दिलाने के नाम पर भुवनेश्वर की रहने वाली रानी बोदरा और जुरिया चांपिया उन्हें महाराष्ट्र ले गये. चांपिया ने कहा कि बोकना गांव से 9 बाल मजदूरों को भी काम दिलाने के नाम पर ले जाया गया. इनमें सोनाराम सुंडी उम्र 18 साल, पूरियास सुंडी उम्र 16 साल, चुमरू सुंडी उम्र 14 साल, विक्रम पूर्ति उम्र 17 साल, कृष्णा गोप उम्र 20 साल, सालम चाम्पिया उम्र 17 साल, सेरेंगीया चांपिया उम्र 26 साल, सुनील पिंगुआ उम्र 16 साल तथा शंकर चाम्पिया शामिल हैं. जहां पर उसे भी सड़क बनाने के कार्य में लगा दिया गया है.अब बाल संरक्षण इकाई की टीम ने इन्हें सकुशल मुक्त कराकर इनकी वापसी की तैयारी कर रही है.
- बाल मदूरों से काम करना कानून के खिलाफ है। इनका वापसी जरूरी है