Chaibasa: पश्चिमी सिंहभूम जिले में संचालित पांच कुपोषण उपचार केंद्रों द्वारा अति गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का उपचार किया जाता है. पर अब अति गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का संस्थागत प्रबंधन के तहत इलाज किया जा सकेगा. इसके लिये सदर अस्पताल के सभागार में जिला के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ीं एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया. इस प्रशिक्षण में सभी सीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी तथा चयनित दो-दो एएनएम भाग ले रही हैं. उन्हें कुपोषित बच्चों चिन्हित करने व इसके उपरांत नजदीकी एमटीसी भेजने की भी जानकारी दी गई ताकि बच्चे का अच्छी तरह से इलाज हो सके.
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क्या है योजना
जिला में सीएससी, जहां पर एमटीसी केंद्र नहीं है, वहां कुपोषित बच्चों की स्क्रीनिंग कर उनके उपचार की प्रकिया सीएचसी स्तर पर ही की जाएगी तथा अति गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें नजदीकी एमटीसी भेजा जाएगा. उपचार के बाद भी विभाग की उस बच्चे पर नियमित नजर बनी रहेगी तथा समय-समय पर उसकी जांच पड़ताल की जाती रहेगी ताकि बच्चा स्वस्थ बना रहे. डा. जगन्नाथ हेम्ब्रम तथा यूनिसेफ के रामनाथ राय ने इस विषय पर प्रशिक्षण दिया.
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