Chaibasa (Sukesh Kumar) : कोल्हान विश्वविद्यालय के उड़िया विभाग में मंगलवार को शास्त्रीय भाषा पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के रुप में कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. गंगाधर पांडा शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ओड़िया भाषा की एक अलग पहचान है. देश के अलावा दुनिया में एक अलग कीर्तिमान तैयार कर रहा है. ओड़िया का साहित्य प्राचीनकाल से है. इसे बचाना हम सबों का दायित्व है. भाषा से ही इतिहास का निर्माण होता है. अपनी संस्कृति और अपनी भाषा को बचाना हर व्यक्ति का काम है. उन्होंने कहा कि मेरा सिर्फ कहना उद्देश नहीं होता है इस पर अमल करने की भी जरूरत है. हर किसी को अपने से भाषा संरक्षण पर काम करने की जरूरत है.
इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर: बारिश के कारण कई इलाकों में जलजमाव, जनजीवन अस्तव्यस्त
अन्य विश्वविद्यालय में ओड़िया भाषा को पढ़ाया जा रहा है प्राथमिकता से
आज देश दुनिया में ओड़िया भाषा की पहचान है तो कहीं ना कहीं एक भाषा में काम करने वालों के लिए एक उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय के अलावा देश के अन्य विश्वविद्यालय में ओड़िया भाषा को प्राथमिकता के साथ पढ़ाया जाता है जो एक गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा इतिहास तभी तैयार होता है. जब उस भाषा गहराई से शोध कार्य हो. हर भाषा का सम्मान हर व्यक्ति को करने की जरूरत है. आज देश में यदि राष्ट्रीय स्तर पर शास्त्रीय भाषा में शामिल किया गया है तो कहीं ना कहीं एक मेहनत करने वालों का ही परिणाम है. मौके पर टाटा कॉलेज के प्रभारी डॉ. एससी दास ने कहा कि भाषा ही अपनी पहचान है, इसे बचाना हम सबों का दायित्व है.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में 16 सितंबर तक हो सकता है बोनस का एलान
एकजुट होकर काम करने की जरूरत-डॉ. एससी दास
भाषा से इतिहास और खुद की पहचान होती है. उन्होंने भाषा को आगे बढ़ाने का हौसला भी दिया. साथ ही कहा कि आने वाले दिनों में बेहतर काम हो इसको लेकर हर किसी को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है. आज कोल्हान विश्वविद्यालय में भी विद्यार्थियों की संख्या निरंतर बढ़ रही .है जो गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसे पूरा किया जाएगा. हर भाषा का सम्मान लोगों को करना चाहिए. गोष्टी का मंच संचालन कोल्हान विश्वविद्यालय के सीसीडीसी डॉ. मनोज कुमार महापात्र ने किया. जबकि मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षा मंत्रालय से डॉ. बसंत पांडा शामिल हुए. मुख्य रूप से मानविकी टीम डॉ. एसपी महालिक, जेएलएन कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. नागेश्वर प्रधान, एलबीएसएम कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल डॉ. एके झा, दर्शनशास्त्र विभाग के एचओडी डॉ. दीपांजय, उड़िया भाषा के सरोज प्रधान, उड़िया विभाग के एचओडी डॉ. हरिहर प्रधान, बांग्ला विभाग के एचओडी डॉ. तपन कुमार के अलावा काफी संख्या में शिक्षकगण उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें :चाईबासा : कोल्हान विवि के केमिस्ट्री विभाग में मौखिक परीक्षा आयोजित, विद्यार्थियों ने किया प्रोजेक्ट जमा