Chaibasa (sukesh kumar) : कोल्हान विश्वविद्याय के पॉलिटिकल साइंस विभाग में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें पॉलिटिकल साइंस के एचओडी डॉ परशुराम सियाल ने कहा कि विश्व में शांति तभी स्थापित हो सकती है जब समानता आयेगी. हथियार के बल पर शांति स्थापित नहीं की जा सकती है. रूस और यूक्रेन जैसे महौल मानवता के लिये खतरनाक हैं. भारत विश्व गुरू तभी बन सकता है जब यहां सामनता रहेगी. बाबा साहेब अम्बेडकर ने जो संविधान हमें तैयार कर दिया है उसी संविधान के तहत कार्य करने की जरूरत है. उनकी सोच मानवता से है. समानता से ही शांति स्थापित हो सकती है. मौके पर पॉलिटिकल साइंस के सहायक प्रोफेसर डॉ एमएन सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध के राह पर चल कर ही हम शांति का मार्ग बना सकते है. उनकी कहीं बातों को अध्ययन करने की जरूरत है.
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उनके मार्ग पर चलता हम सबों का धर्म होना चाहिये. उन्होंने अन्य कई महापुरूषों के बारे में विस्तृत जानकारी दिये. जिससे देश में शांति स्थापित हो सकें. मौके पर सहायक प्रोफेसर लक्ष्मी अल्डा ने कहा कि आगामी 21 सितंबर को हम सब विश्व योगा दिवस मनाने जा रहे है. हमारे पास शांति ही नहीं रहेगी तो योगा किस तरह से मना सकते है. सर्वप्रथम शांति स्थापित करने की जरूरत है. हमारे शरीर को युद्ध की जरूरत नहीं होती है, शांति की जरूरत होती है. युद्ध से विनाश होता है. शांति से ही उपकार होता है. मौके पर पॉलिटिकल साइंस के टीए अन्नु कुमारी ने भी महापुरूषों के मार्ग पर चलकर शांति स्थापित करने की बात कहीं. मौके पर पीजी के विद्यार्थी राहुल कुमार, प्रियंका कुमार के अलावा अन्य विद्यार्थी ने भी संबोधित किया.