Ram Murti Pathak
Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) जिले के सरकारी अनुदान प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों के बच्चों को पिछले करीब 3 वर्षों से न तो ड्रेस मिली, न ही छत्रवृत्ति का भुगतान हुआ है. विद्यालय अनुदान की राशि भी बंद है. छात्रवृत्ति नहीं मिलने से बच्चों में मायूसी है. इससे उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है. बच्चे पुराने कपड़ों में बिना जूता-मोजा के जैसे-तैसे स्कूल आने को विवश हैं. जिले में कुल 14 अल्पसंख्यक स्कूलों में 8 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इनमें ज्यादातर एससी-एसटी, अल्पसंख्यक व कमजोर वर्ग के बच्चे हैं. सरकार की अनदेखी से बच्चों के भविष्य के प्रति उनके अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है.
अल्पसंख्यक स्कूलों में सरकारी सुविधा के नाम पर बच्चों को सिर्फ मुफ्त किताबें व मध्याह्न भोजन मिल रहा है. ड्रेस, जूता व स्वेटर का पैसा बंद कर दिया गया है. स्कूल आने-जाने के लिए नई साइकिल भी अब नहीं दी जा रही है. जबकि पहले ये सारी सुविधाएं मिलती थीं. इस स्थिति से स्कूलों के प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को बच्चों के ड्रॉपआउट (स्कूल छोड़ने) की चिंता सताने लगी है.
जिले में ये हैं अल्पसंख्यक विद्यालय
डीएवी मिडिल स्कूल पुराना बाजार, मिल्लत उर्दू मध्य विद्यालय वासेपुर, अभय सुंदरी बालिका मध्य विद्यालय हीरापुर, खालसा मध्य विद्यालय बैंक मोड़, गुरुनानक मध्य विद्यालय जोड़ाफाटक रोड, गुजराती हिंदी मध्य विद्यालय झरिया, मिल्लत उर्दू मध्य विद्यालय झरिया. डीएवी मध्य विद्यालय कतरासगढ़, गुजराती हिंदी मध्य विद्यालय कतरासगढ़, मिशन प्राथमिक विद्यालय गोमो, मिशन मध्य विद्यालय गोमो, मिशन मध्य विद्यालय पोखरिया, बांग्ला बालक बालिका मध्य विद्यालय कुमारधुबी, मध्य विद्यालय गंगापुर
बच्चे फटे-पुराने कपड़ों में स्कूल आने को मजबूर : मो. इसराइल
मिल्लत उर्दू मध्य विद्यालय, वासेपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद इसराइल ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकार ने नोटिस जारी कर कहा था कि अल्पसंख्यक और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्र-छात्राओं को ड्रेस नहीं मिलेगी. विद्यार्थियों को पिछले करीब तीन साल से ड्रेस नहीं मिल रही है. वे पुरानी ड्रेस या फटे-पुराना कपड़ों में स्कूल आने को मजबूर हैं.
दो साल से साइकिल व स्कूल बैग भी बंद : संजय कुमार सिंह
डीएवी मिडिल स्कूल, पुराना बाजार धनबाद के प्रधानाध्यापक संजय कुमार सिंह ने बताया कि स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन और नि:शुल्क किताब की सुविधा तो मिल रही है, लेकिन ड्रेस नहीं मिल रही है. पिछले दो साल से शिक्षा विभाग ने साइकिल व स्कूल बैग भी देना बंद कर दिया है. अल्पसंख्यक स्कूलों में ज्यादातर गरीब तबके के ही बच्चे पढ़ने आते हैं. सरकारी सुविधा बंद होने से उनमें निराशा है.
मुझे मामले की जानकारी नहीं : डीएसई
इस संबंध में पूछे जाने पर धनबाद के जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) भूतनाथ रजवार ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. संबंधित अधिकारियों से वस्तु स्थिति से अवगत होने के बाद ही कुछ भी बता पाऊंगा. वहीं, समग्र शिक्षा अभियान के एडीपीओ ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. बाच्चों को ड्रेस दिलाने का प्रयास किया जाएगा.
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