Chaibasa\Chakradharpur (Sukesh kumar) : गिरीराज सेना के प्रमुख कमलदेव गिरी हत्याकांड को लेकर दूसरे दिन भी पश्चिम सिंहभूम का चक्का जाम रहा. सोमवार को विभिन्न हिंदू संगठनों ने जिला बंद की घोषणा की थी. इसके बाद चाईबासा, चक्रधरपुर, मनोहरपुर, नोवामुंडी, जगन्नाथपुर के अलावे जिले के विभिन्न हिस्सों में इसका असर देखने को मिला. कई स्थानों में टायर भी जलाये गये. हत्या के बाद से जिले में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. उनकी हत्या को चक्रधरपुर के नगर परिषद चुनाव से भी जोड़ कर देखा जा रहा है.
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नगर परिषद चुनाव लड़ने की थी तैयारी
मालूम हो कि कमलदेव गिरी नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी जोर शोर से कर रहे थे. गिरिराज सेना चक्रधरपुर के पूरे क्षेत्र में सक्रिय थी. यह हत्या राजनीतिक षडयंत्र के तहत होने की संभवनाएं जतायी जा रही है. जिस स्थान पर शनिवार देर शाम को कमलदेव की हत्या हुई है वहां से 100 मीटर की दूरी पर चक्रधरपुर के पश्चिमी रेलवे क्रॉसिंग के समीप एनएच-75 पर 28 अप्रैल 2008 को दिन दहाड़े अपराधियों ने बम मार कर भाजपा नेता प्रदीप साव की हत्या कर दी थी.
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कमलदेव गिरी कई सामाजिक संगठन के रह चुके अध्यक्ष
चक्रधरपुर के सामाजिक कार्यकर्ता सह गिरीराज सेना के प्रमुख और हिन्दूवादी नेता कमलदेव गिरी कई समाजिक संगठन के अध्यक्ष भी रह चुके थे. हालांकि कई संगठनों से उन्होंने किनारा करते हुए पिछले दिनों एक प्रेस कॉफ्रेंस आयोजित कर इस्तीफा देने की घोषणा की थी. लेकिना संगठन की ओर से उनके इस्तीफा को मंजूर नहीं किया गया था. इसमें कमलदेव गिरी का श्रीश्री कृष्ण जन्माष्टमी केंद्रीय अध्यक्ष पद भी शामिल था. इसके अलावा कुली यूनियन के अध्यक्ष, जागरा कल्याण समिति के अध्यक्ष, भवानी संघ के संरक्षक, पंडित हाता शिव मंदिर शिव शक्ति समिति के अध्यक्ष, चैती दूर्गा पूजा के अध्यक्ष व श्याम नारायण शौंडिक धर्मशाला समेत चक्रधरपुर के दुर्गा पूजा के सचिव पद शामिल है. उन्होंने गिरीराज सेना को भी भंग कर दिया था. हालांकि बाद में गिरीराज सेना का अध्यक्ष पद छोड़ कर संरक्षक पद में बने हुए थे.