Chaibasa (Sukesh Kumar) : शहर की नाट्य एवं सामाजिक संस्था सृष्टि चाईबासा जिले के विभिन्न प्रखंडों में जिला स्वास्थ्य विभाग (जिला भीबीडी विभाग) के सहयोग से मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों से जागरूक करने हेतु प्रकाश कुमार गुप्ता द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक ‘रहो सतर्क’ की प्रस्तुति बसंत कारवा के नेतृत्व में किया गया. मालूम हो कि सृष्टि चाईबासा के कलाकारों ने जिले के टोंटो, बड़ाजामदा, चक्रधरपुर, बंदगांव, सोनूवा, गोइलकेरा, मनोहरपुर प्रखंड के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी.
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मच्छर के काटने से होने वाले बीमारियों के बारे में बताया
प्रस्तुत नाटक के माध्यम से सृष्टि के कलाकारों ने उपस्थित दर्शकों को बताने का प्रयास किया कि मच्छर के काटने से मलेरिया, फलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे जानलेवा बीमारी होते हैं. जिससे बचना बहुत ही आवश्यक है. लेकिन गांवों में आज भी अंधविश्वास में रहकर लोग झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं. ऐसे में आवश्यक है कि हम मच्छर से बचने के सारे उपाय करें. नाटक में दिखाया गया कि मच्छर से बचने के लिए आवश्यक है कि हम मच्छरदानी का प्रयोग करें. जलजमाव से बचें, घर में धुवन करें, घर में साफ सफाई रखें और वैसे जगह में जाने से बचे जहां पर मच्छर का प्रकोप बहुत ही ज्यादा होता है.
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साल में एक बार डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोली खानी चाहिए
नाटक में दिखाया गया कि फाइलेरिया (हाथी पांव) एक लाइलाज बीमारी है. इससे भी बचना हमें बहुत आवश्यक है. इसके लिए आवश्यक है कि साल में एक बार डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खानी चाहिए, यह दवा हर सरकारी अस्पताल, उप स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी आदि में मुफ्त मिलता है. अन्यथा हम फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं. इसका इलाज संभव नहीं है. प्रस्तुत नाटक में अभिनय करने वालों में बसंत करवा, शिव लाल शर्मा, शंकर, पूजा, प्रेम मछुआ, अमन मछुआ, रुपेश मछुआ एवं रिंकू गुप्ता ने अपनी-अपनी भूमिका निभाई.