Hazaribagh : जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर एवं जैन धर्म के प्रवर्तक श्री 1008 आदिनाथ भगवान का जन्म कल्याणक व जयंती दिवस के अवसर पर गुरुवार की प्रातः 6 बजे हजारीबाग शहर में प्रभातफेरी निकाली गई. इस अवसर पर सभी भक्तों ने बॉडम बाजार दिगंबर जैन मंदिर की परिक्रमा कर जयकारा लगाया. दोनों दिगंबर जैन मंदिरों में सामूहिक रूप से आदिनाथ भगवान का अभिषेक, शांतिधारा और पूजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया. फिर जैन महिला समाज की ओर से आदिनाथ विधान का आयोजन किया गया. प्रतिष्ठाचार्य विद्वान पंडित दीपक शास्त्री के निर्देशन में सभी कार्यक्रम संपन्न हुए.
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भगवान आदिनाथ को ही ऋषभ नाथ भी कहा जाता है
विधान समापन के बाद महाआरती की गई. मीडिया प्रभारी विजय लुहाड़िया ने बताया कि जैन शास्त्रों के अनुसार जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का जन्म आज से लाखों वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगर में चैत कृष्ण नवमी के दिन हुआ था. उन्हें ऋषभ नाथ भी कहा जाता है. उन्हें जन्म से ही संपूर्ण शास्त्रों का ज्ञान था और सभी कलाओं के ज्ञाता थे. संध्या में भक्तामर व णमोकार पाठ और महाआरती का कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी लोगों के सहयोग के लिए जैन महिला समाज की अध्यक्षा पुष्पा अजमेरा व मंत्राणी सुशीला सेठी ने आभार प्रकट किया.
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