Chaibasa (Sukesh Kumar) : टाटा कॉलेज के आदिवासी बालक छात्रावास की स्थिति काफी दयनीय है. कई सालों से मरम्मत नहीं होने से कई कमरे व रसोई घर जर्जर अवस्था में पहुँच गए है. छात्रावास में रह रहे विद्यार्थियों के बीच एक डर सा माहौल बना हुआ है. जगह जगह से छत के प्लास्टर उखाड़ चुके है जो हादसों को आमंत्रित कर रही है. खास कर रसोई का हाल खतरनाक बने होने से छात्र अपने आप को भोजन लेने के समय असुरक्षित महसूस करते हैं. कई बार कल्याण विभाग की ओर से मंत्रियों को इस समस्या से अवगत कराया गया है. लेकिन अब तक इस ओर कोई पहल नहीं हुई है.
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सुविधाओं का है घोर अभाव
खास तौर पर बारिश के दिनों में विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां छात्रावास के कॉमन रूम और रसोई घर के पूरा छत से पानी टपकता रहता है. कल्याण विभाग के तरफ से सिर्फ एक ही बावर्ची यहां कार्यरत है. जिसके कारण छात्रों को समय पर खाना नहीं मिल पाता है. नये सत्र से नामांकन लेने वाले छात्रों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है. उसी हिसाब से बेड, टेबल, चेयर, गद्दी, मच्छरदानी नहीं है. पढ़ने वाले विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिला कल्याण पदाधिकारी को कई बार आवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ.
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छात्रावास के मरम्मत को लेकर लगातार मांग पत्र कल्याण विभाग को सौंपा गया है लेकिन अभी तक किसी तरह का समाधान नहीं हुआ है विद्यार्थी की स्थिति बद से बदतर हो गई है. कभी भी छात्रावास गिर सकता है, समय रहते यदि मरम्मत नहीं होता तो आने वाले दिनों में खतरा हो सकता है.
सनातन पिंगुवा, छात्र प्रतिनिधि