Chakradharpur : तमिलनाडु में पिटाई और शोषण का शिकार बनी झारखंड की 10 आदिवासी युवतियां शुक्रवार को चक्रधरपुर लौटी थीं. उन युवतियों को चक्रधरपुर आरपीएफ ने शनिवार को उनके परिजनों को बुला कर सौंप दिया. ये युवतियां तामिलनाडु के एक धागा कंपनी में काम करती थीं. इनके साथ शोषण और मारपीट होने का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद समाज के लोगों ने उन प्रताड़ित युवतियों को घर वापस लाने में लगे थे. अंततः उन्हें किसी तरह घर लाया गया. तमिलनाडु में यातनाएं सह रही इन युवतियों को वापस चक्रधरपुर तक लाने में पांच लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इनमें झारखंड जगुआर एसटीएफ का जवान सुनील कुमार बोइपाई, एसएसबी जवान हरिचरण हांसदा, रेलकर्मी सामू कर्मा, समाजसेवी अवनी महतो, रेलकर्मी ब्रजमोहन बोदरा और शिक्षक निरुप प्रधान का सहयोग रहा.
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शनिवार को लौटने के बाद युवतियों को चक्रधरपुर के आरपीएफ पोस्ट में महिला आरपीएफ जवान की सुरक्षा में रखा गया था. शनिवार को युवतियों के परिजनों को चक्रधरपुर बुला कर सौंप दिया गया. वहीं प्रताड़ित युवतियां और परिजनों से शपथ ली कि दोबारा रोजगार की तलाश में अन्य राज्य नहीं जाएंगे. वहीं अभिभावकों ने नहीं भेजने की बात कही. प्रताड़ना की शिकार युवती में सोना हेम्ब्रम, मिलंती पूर्ति, चांदनी सामड, चांदु सिरके, दशमी सामड, आश्रिता बिरुआ, मालती गोप, सोमवारी हेम्ब्रम, जयंती सिरका, सुकुरमणि बारला शामिल हैं.