Chakradharpur (Shambhu Kumar) : जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती जी महाराज के निधन की खबर से रविवार को चक्रधरपुर में शोक की लहर फैल गई. जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी महाराज का चक्रधरपुर से भी गहरा लगाव था. चक्रधरपुर में कई परिवार उनके शिष्य हैं. वे अपने शिष्यों के यहां अवश्य आते थे. चक्रधरपुर के श्याम लोधा, स्व. सांवरमल पुजारी उर्फ सांवरा महाराज, हनुमान मंदिर के पुजारी अश्विनी पाठक, रामचंद्र साव समेत अन्य कई शिष्य थे. चक्रधरपुर के अधिवक्ता पवन शर्मा के पिता स्व. सांवरमल जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी महाराज के गाड़ी चालक भी थे. अधिवक्ता पवन शर्मा बताते हैं कि उनके पिताजी कम उम्र से ही स्वामी स्वरुपानंद जी महाराज के साथ जुड़े हुये थे. पिताजी आश्रम में गुरुजी के साथ ही रहते थे. वे स्वामीजी के गाड़ी चालक के साथ-साथ उनके रसोइया भी थे. वे उनके लिए भोजन बनाते थे. जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद का हमारे घर में भी कई बार आगमन हो चुका है. गुरु के निधन से पूरा परिवार दुखी है.
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2 सितंबर को उनके जन्मोत्सव पर गया था मिलने : रामचंद्र साव
चक्रधरपुर के शौंडिक धर्मशाला के समीप रहने वाले रामचंद्र साव बताते हैं कि लगभग 25 साल पहले उन्होंने जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी महाराज से दीक्षा ली थी. इसी महीने 2 सितंबर को स्वामी जी का जन्मोत्सव मनाने के लिए पूरे परिवार के सदस्यों के साथ मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में मिलने गये थे. वहां स्वामी जी से आशीर्वाद लिया था. पूरा परिवार उनका शिष्य है. जब से उनके निधन की खबर सुना हूं, मन बहुत दुखी है.
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बाटा रोड स्थित हनुमान मंदिर आते थे जगत शंकराचार्य
जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी महाराज चक्रधरपुर के बाटा रोड स्थित हनुमान मंदिर भी आते थे. हनुमान मंदिर के पुजारी अश्विनी पाठक बताते हैं कि पूरा परिवार उनका शिष्य है. उनके पिताजी स्व. मनमोहन पाठक, मां कौशल्या पाठक ने उनसे दीक्षा ली थी. जब अश्विनी पाठक छोटे थे तो उन्होंने भी दीक्षा ली थी. साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों ने भी उनसे दीक्षा ली. उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष हनुमान मंदिर में जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी महाराज का जन्मोत्सव मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा पर भी चरण पादुका की पूजा होती है. गुरु जी के निधन की खबर से पूरा परिवार दुखी है.
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वर्ष 2019 में समीज आये थे जगत गुरु
जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती जी महाराज ने वर्ष 1968 में समीज आश्रम की स्थापना की थी. यह आश्रम पश्चिमी सिंहभूम जिला के पोड़ाहाट अनुमंडल स्थित गोईलकेरा प्रखंड के पारलिपोस गांव स्थित दो नदियों के संगम के बीच स्थित है. प्रत्येक वर्ष फागुन महीने में स्वामी वरुपानंद सरस्वती जी महाराज यहां श्रद्धालुओं के साथ होली खेलने आते थे. उनके दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते थे. वर्ष 2019 के मार्च महीने में वे यहां आये थे. उस समय उन्होंने भागवत कथा भी सुनाई थी. उस वक्त बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी. इसके बाद कोविड का प्रकोप के कारण वे यहां नहीं आ सके थे.