Chakulia : चाकुलिया प्रखंड के मरीजों का इलाज के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में पलायन का दौर जारी है. क्योंकि यहां के ग्रामीण इलाके में सरकारी चिकित्सा व्यवस्था फेल है. सरकार इस सिद्धांत पर काम कर रही है कि आलीशान भवन ले लो, मगर चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मत मांगो. तभी तो प्रखंड के श्यामसुंदरपुर के बड़ागड़ियास में निर्मित 2.41 करोड़ रुपए का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) सिर्फ दर्शन की वस्तु बनकर रह गया है. इस भवन में निर्माणकाल से ही ताला बंद है. झाड़ियों से घिरा आलीशान भवन अब टूटने भी लगा है. इस आलीशान भवन को सीएचसी को दो साल पूर्व हैंडओवर कर दिया गया था. पंचायत समिति की सदस्य ज्योति रानी गोस्वामी द्वारा उपायुक्त को पत्र लिखने के बाद एक महिला चिकित्सक का पदस्थापन किया गया, परंतु अन्य किसी स्वास्थ्य कर्मी का पदस्थापन नहीं हुआ. ऐसे में महिला चिकित्सक सीएचसी में काम कर रही हैं.
एक एएनएम के भरोसे है पीएचसी, इसके शुरू होने से दो प्रखंड की आबादी को होगा फायदा
यह केंद्र एएनएम के भरोसे है. इस केंद्र का ताला कभी खुलता ही नहीं है. विदित हो कि यह केंद्र गुड़ाबांदा प्रखंड से सटा है. इसे चालू हो जाने से दो प्रखंडों की बड़ी आबादी को इलाज की सुविधा मिलेगी. सरकार और प्रतिनिधियों की उदासीनता से कोरोना काल में भी यह केंद्र चालू नहीं हो सका. सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू ने कहा कि इस केंद्र में पदस्थापित महिला चिकित्सक सीएचसी में काम कर रही हैं. केंद्र में अन्य किसी स्वास्थ्य कर्मियों का पदस्थापन नहीं हुआ है. पदस्थापन के लिए विभाग को पत्राचार किया गया है. विदित हो कि चाकुलिया प्रखंड की मालकुंडी पंचायत के सिंदूरगौरी में लगभग ढाई करोड़ की लागत से निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन चिकित्सक विहीन है.