Chakulia : गर्मी की दस्तक देते ही पहाड़ों पर स्थित झरने सूखने लगे हैं. चाकुलिया प्रखंड की माटियाबांधी पंचायत में चारों दिशाओं में पहाड़ से घिरे घाघरा गांव से सटे पहाड़ों के झरने सूखने लगे हैं. इससे ग्रामीणों के समक्ष जल की समस्या खड़ी हो गई है. इस गांव के पास स्थित घाघ झरना समेत अन्य कई झरने लगभग सूख गए हैं.विदित हो कि इस गांव में वर्षों पूर्व बना डीप बोरिंग का मोटर खराब है. ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं भी जल का स्तर नीचे चले जाने के कारण पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं दे रही हैं. इस गांव में चापाकल नहीं है. कुआं में पानी नहीं के बराबर है.
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कटोरे से झरने से पानी लेकर भरना पड़ रहा बर्तन
गांव से एक किलोमीटर दूर एक सोलर जलापूर्ति योजना से पानी निकल रहा है. परंतु यह 135 परिवार वाले गांव के लिए पर्याप्त नहीं है. ऐसे में ग्रामीण घाघ झरना समेत अन्य झरनों का पानी पीने के लिए बाध्य हैं. परंतु विडंबना है कि इन झरनों में भी पर्याप्त पानी नहीं है. ग्रामीणों को कटोरे से झरने से पानी लेकर बर्तन भरना पड़ रहा है. गांव के राम सिंह और कैलाश सिंह ने बताया कि अभी गर्मी शुरू ही हुई है कि यहां जल संकट गहरा गया है. इस साल झरना भी शीघ्र ही सूखने लगे हैं. विवाह शादी में पेयजल के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति यह है कि झरना में टूलू पंप लगाकर पानी लेना पड़ रहा है.
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