Chandil (Dilip Kumar) : ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन छात्र संगठन की सरायकेला-खरसावां जिला कमेटी ने पूरे जिले में उलगुलान के महानायक धरती आबा बिरसा मुंडा की 147वीं जयंती मनाई. कमेटी के नेतृत्वकर्ताओं ने जयंती के मौके पर जन-जन तक, गांव, शहर, स्कूल, कॉलेजों में बिरसा मुंडा की जीवन, उनका संघर्ष व उनके दिखाए रास्ते पर चलने का आह्वान किया. एआइडीएसओ ने कहा कि अस्मिता के साथ जल, जंगल व जमीन की लड़ाई में धरती आबा ने अपनी कुर्बानी दी. अब आदिवासी व मूलवासियों को ठगकर, सरकारें उन्हीं जमीन व जंगल पर जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण कोयले की नगरी और जंगलों का राज्य होने के बावजूद भी झारखंड घोटालों के मामले में सबसे टॅाप पर है. गरीबी व भूखमरी में तो रिकॉर्ड ही टूट गया है. विस्थापन के मामले में शीर्ष राज्य में शामिल है.
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बिरसा का सपना आज भी अधूरा
सरायकेला-खरसावां जिला के कोषाध्यक्ष प्रभात कुमार महतो ने बताया कि बिरसा मुंडा का सपना था, देश में चल रहे शोषण, जुल्म व अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करना. उन्होंने कहा कि राज्य का दुर्भाग्य है कि जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए बिरसा मुंडा ने अपनी शहादत दी थी वह उद्देश्य आज भी पूरा नहीं हुआ है, अवसरवादी राजनीति ने उनके सपने को कहीं खो दिया. बिरसा का सपना आज भी अधूरा है, जिसे मिलकर सभी को पूरा करने का दायित्व लेना होगा. अन्यथा झारखंड खनिज संसाधनों का नहीं बल्कि धूल, राख व अवशेष के रूप में बच जाएगी.
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शिक्षा का किया जा रहा है व्यापारीकरण – विशेश्वर महतो
इस अवसर पर एआइडीएसओ के जिला सचिव विशेश्वर महतो ने कहा कि झारखंड के स्कूल-कॉलेजों में शिक्षकों की घोर कमी है. विलय के नाम पर हजारों सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा को खरीद-फरोक्त की वस्तु में तब्दील किया जा रहा है. शिक्षा का निजीकरण- व्यापारीकरण किया जा रहा है. सरकारी नौकरियों में रोजगार के मामले में हमेशा सरकारों ने धोखा ही दिया है. सभी सरकारी उपक्रमों को निजी क्षेत्र में बदलने की भरपूर कोशिश हो रही है. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के डैम रोड स्थित कार्यालय, चांडिल बाजार के अलावा कुकडू प्रखंड के सिरूम में धरती आबा को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया.