Chandil (Dilip Kumar) : सरायकेला-खरसावां जिले में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों के बीच समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाया जाता है. इससे किसान एक बार फिर जैविक खेती करने लगे हैं. चांडिल अनुमंडल के कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र में किसान अब औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं. इसकी जानकारी देते हुए समृद्धि ऑर्गेनिक फार्म के एग्रीकल्चर फील्ड ऑफिसर फागु राम महतो ने बताया कि कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र के किसान अब धतुरा, कालमेघ, मठाघास, ओल, सफेद मुसली, काली मुसली समेत अन्य औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही किसान मसाला की खेती भी शुरू किए हैं.
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रासायनिक खेती के नुकसान की दी जाती है जानकारी
उन्होंने बताया कि क्षेत्र के किसान अब धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और परंपरागत धान, गेहूं, मकई की खेती के अलावा मसाला और औषधीय पौधों की खेती की ओर अपना कदम बढ़ा चुके हैं. समृद्धि ऑर्गेनिक फार्म पुणे की ओर से समय-समय पर किसानों के बीच जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन करने के साथ उन्हें जैविक खेती के फायदे और रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान की जानकारी दी जाती है.
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किसानों के बीच देसी हर्बल स्प्रे, खाद व बीज वितरित
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कुकड़ू प्रखंड अंतर्गत कुकड़ू गांव में किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए जागरूक किया गया. सोमवार को समृद्धि ऑर्गेनिक फार्म पुणे की ओर से जहर मुक्त जैविक खेती करने के लिए प्रखंड क्षेत्र के किसानों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान समृद्धि ऑर्गेनिक फार्म के एग्रीकल्चर फील्ड ऑफिसर फागु राम महतो ने कहा कि रासायनिक खेती से जहां मिट्टी की उपजाऊ शक्ति धीरे-धीरे नष्ट होती जा रही है. दूसरी ओर इसके शारीरिक दुष्प्रभाव भी देखे जा रहे हैं. फसलों की गुणवत्ता भी धीरे-धीरे कम होती जा रही है. अब समय की मांग है कि मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रखने के लिए किसानों को फिर से जैविक खेती करना होगा. देश के किसान पहले भी परंपरागत रूप से जैविक खेती ही करते थे. इस अवसर पर किसानों के बीच देसी हर्बल स्प्रे, खाद व बीज का वितरण किया गया.
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दो आईसीएस से जुड़े हैं 800 किसान
एग्रीकल्चर फील्ड आफिसर फागु राम महतो ने कहा कि चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कुकड़ू में समृद्धि ऑर्गेनिक फार्म पुणे की दो आईसीएस संचालित हैं. दोनों आईसीएस में प्रखंड क्षेत्र के 800 किसान जुड़कर जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसानों को प्रशिक्षण के माध्यम से आसपास के औषधीय पौधों का प्रयोग करते हुए देसी हर्बल स्प्रे तैयार करना सिखाया गया है. किसान धान के अलावा सभी प्रकार की सब्जी की खेती में हर्बल स्प्रे कर फसल को कीट-पतंगों से सुरक्षित रखते हैं और पौष्टिक सब्जी लोगों तक पहुंचाते हैं. आईसीएस के किसान औषधीय पौधों, मसाला और सब्जी की जैविक खेती कर उत्साहित हैं.