Chandil ( Dilip Kumar ) : शारदीय नवरात्र के अवसर पर सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत चौका में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की प्रतिमा स्थापित की जाती है. दुर्गोत्सव को लेकर चौका में तैयारियाें को अंतिम रूप देने के लिए मूर्तिकार के अलावा पंडाल का निर्माण कर रहे कारीगर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. हांलाकि चौका में देवी का मंदिर है, बावजूद इसके दुर्गोत्सव के दौरान हर वर्ष अलग-अलग काल्पनिक मंदिर की आकृति वाले पूजा पंडाल का निर्माण कराया जाता है.
इसे भी पढ़े : जमशेदपुर : खेमाशुली में रेल चक्का जाम से पांचवें दिन 163 ट्रेनें रद्द
मूर्तिकार देवी की प्रतिमा को मूर्त रूप देने में जुटे
इस वर्ष भी चौका में मंदिर के आगे भव्य पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. पश्चिम बंगाल के मूर्तिकार देवी दुर्गा के नौ रूपों की प्रतिमा के साथ देवी आद्याशक्ति महामाया की आकर्षक प्रतिमा को मूर्त रूप देने में जुटे हुए हैं. देवी आराधना के बाद नवरात्र के पहले दिन 26 सितंबर को सुबह पंडाल उद्घाटन के बाद देवी शैलपुत्री पूजा के लिए कलश यात्रा निकाली जाएगी. कलश स्थापना के बाद पूजा अर्चना प्रारंभ होगी. वहीं, महासप्तमी के दिन सामूहिक कलश यात्रा में प्रतिवर्ष सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं.
इसे भी पढ़े : चाईबासा : बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 2200 फलदार पौधों का हुआ वितरण
नवरात्र के दौरान प्रतिदिन रामकथा पर प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन
सार्वजनिक श्रीश्री नवदुर्गा पूजा समिति चौका मोड़ की ओर से महालया के दिन पारंपरिक दशई नाच से देवी की आराधना की जाती है. इस वर्ष भी 25 सितंबर को पारंपरिक दशई नाच के साथ देवी दुर्गा का आह्वान किया जाएगा. इसके साथ ही नवरात्र के दौरान प्रतिदिन रामकथा पर प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन होगा. इस वर्ष रामकथा पर प्रवचन देने के लिए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया रामायण मंडली के कथा वाचक अनिरूद्ध बनर्जी एवं प्रभाती विश्वास चौका आएंगे. उनके द्वारा 26 सितंबर से दो अक्टूबर तक प्रतिदिन तीन बजे से राम कथा पर प्रवचन दिया जाएगा.
इसे भी पढ़े : आदित्यपुर : राजद नेत्री मंजू शाह बनी राष्ट्रीय परिषद सदस्य
वर्ष 2005 से शुरू हुए दुर्गोत्सव में शामिल हो चुके हैं जगतगुरु शंकराचार्य
चौका में नवदुर्गा पूजा का शुभारंभ वर्ष 2005 से हुआ. नवरात्र के अवसर पर यहां ग्यारह दिनों तक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. वहीं, पूजा अनुष्ठान के तीसरे वर्ष ही चौका में जगतगुरु शंकराचार्य बासुदेवानंद सरस्वती का आगमन हुआ था. सात दिनों तक उन्होंने नवदुर्गा पूजा पंडाल में श्रद्धालुओं को श्रीमद भागवत कथा पर प्रवचन दिया था. चौका में नवदुर्गा पूजा के दौरान प्रतिवर्ष आध्यात्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं. इसके तहत प्रवचन मुख्य कार्यक्रम रहता है. स्थापना वर्ष 2005 से ही प्रवचन का आयोजन किया जा रहा है. चौका में प्रवचन देने के लिए जगतगुरु शंकराचार्य बासुदेवानंद सरस्वती, महामंडलेश्र्वर उमाकांतानंद सरस्वती, सच्चितानंद ब्रम्हचारी समेत कोलकाता से त्रिभूवनपुरी, पारसनाथ त्रिपाठी, सुबल दास, स्वरुप गोस्वामी आदि आ चुके हैं.
इसे भी पढ़े : चाकुलिया : उद्योगपति सह समाजसेवी विनोद सेकसरिया का निधन
लोक कलाकार मचाएंगे धूम
शारदीय नवरात्र के विजयादशमी के दिन चौका में कलश विसर्जन की जाती है. प्रतिमा का विसर्जन एकादशी के दिन किया जाता है. इस वर्ष महानवमी व विजया दशमी के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. महानवमी के दिन चार अक्टूबर को तीन बजे से ढुमुर संध्या का कार्यक्रम होगा. कार्यक्रम में ढुमुर साम्राज्ञी तपती महतो एंड टीम लोगों को अपनी गायिकी से झुमने पर मजबूर करेगी. वहीं, विजयादशमी को दिन-रात सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. दिन में ढुमुर धमाल के अलावा रात को मेदनीपुर पंश्चिम बंगाल के त्रिनयनी नृत्यण्ंकार मनोरमा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. रात दस बजे से हाने वाले कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के कलाकार लोगों का मनोरंजन करेंगे.
इसे भी पढ़े : गिरिडीह : हुटटी बाजार मिनी बस स्टैंड पर रंगदारों से परेशान हैं चालक