Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में रथयात्रा का त्योहार हर्षाेल्लास के साथ एंव पारंपरिक रूप से मनाया गया. चांडिल में वृहद स्तर पर रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण दो वर्ष बाद निकाले गए रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं में व्यापक उत्साह देखा गया. लोग अपने आराध्य के दर्शन पूजन और रथ खींचने के लिए आतुर दिखे. चारों ओर उल्लास का माहौल था. लोग भगवान की भक्ति में लीन थे और भजन-कीर्तन करते हुए जय जगन्नाथ के जयकारे लगा रहे थे. चांडिल स्थित श्री साधु बांध मठिया, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा नागा सन्यासी आश्रम से तीन अलग-अलग रथ पर सवार होकर महाप्रभु जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ चांडिल स्टेशन स्थित मौसीबाड़ी के लिए रवाना हुए. इसके पूर्व श्री साधु बांध मठिया मठ में तीनों ग्रहों की महाआरती एवं वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना किया गया. इस अवसर पर आश्रम में श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री महंत विद्यानंद सरस्वती के नेतृत्व में निकाली गई इस रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतेजाम किए गए थे. रथ यात्रा निकाले जाने के पूर्व हुई झमाझम बारिश ने मौसम को खुशनुमा बना दिया था. दो वर्ष के बाद निकाली गई रथ यात्रा के दौरान रथ खींचकर आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की होड़ लगी रही. अलग-अलग रथों पर सवार तीनों ग्रहों को भजन कीर्तन के साथ श्रद्धालुओं ने चांडिल स्टेशन स्थित मौसी बाड़ी तक पहुंचाया.
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यह रहे मौजूद
रथ यात्रा में ईचागढ़ के विधायक सविता महतो, आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव हरे लाल महतो, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश खेतान, स्थानीय समाजसेवी हिकिम चंद्र महतो, मधुसूदन गोराई, प्रबोध उरांव, दीपु जायसवाल, खगेन महतो, बनुसिंह सरदार समेत चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के अलावा जमशेदपुर, आदित्यपुर व आसपास के कई गणमान्य लोग शामिल हुए.
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अन्य क्षेत्रों में भी धूमधाम से निकली रथ यात्रा
चांडिल के अलावा शुक्रवार को अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में रथ यात्रा का त्योहार पारंपरिक रूप से हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर रघुनाथपुर, तिरूलडीह, ईचागढ़ समेत अन्य स्थानों में आकर्षक रूप से बनाए गए रथ पर महाप्रभु जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को मौसी बाड़ी तक पहुंचाया गया. इस दौरान भजन कीर्तन और महाप्रभु के जयघोष से वातावरण गुंजायमान रहा.
सात दिन बाद मौसी बाड़ी से श्रीमंदिर लौटेंगे महाप्रभु
स्नान पूर्णिमा के दिन अत्याधिक स्नान करने के बाद महाप्रभु बीमार पड़ गए थे. 14 दिनों तक एकांतवास में रहने के बाद स्वस्थ होने पर महाप्रभु अपने बड़े भाई और बहन के साथ शुक्रवार को मौसी बाड़ी पहुंचे. मौसी बाड़ी स्थित श्रीगुंडिचा मंदिर से वे सात दिनों के बाद श्री मंदिर लौट आएंगे. इन सात दिनों के दौरान मौसी बाड़ी स्थित श्री गुंडिचा मंदिर में महाप्रभु रोज अलग-अलग रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे.