Kharsawan : ओड़िशा के पुरी की तर्ज पर खरसावां के हरिभंजा में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा निकाली गयी. भक्तों के समागम व जय जगन्नाथ के जयघोष के बीच रथ पर सवार होकर प्रभु जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन के साथ शुक्रवार को श्री मंदिर से गुंडिचा मंदिर पहुंचे. रथ यात्रा की शुरुआत भगवान सूर्य की पूजा के साथ की गयी. इसके पश्चात चतुर्था मूर्ति को मंदिर परिसर में बनाये गये मंडप पर ला कर पूजा अर्चना के साथ साथ हवन किया गया. पूजा के दौरान प्रभु जगन्नाथ को तुलसी माला व फूल माला पहना कर शृंगार किया गया.
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जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव ने निभायी छेरा-पोहरा की रस्में
खरसावां के हरिभंजा के छेरा-पोहरा रस्म के पश्चात रथ यात्रा निकाली गयी. हरिभंजा गांव के जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव ने चंदन छिड़क कर व झाडू लगा कर छेरा पोंहरा की रश्म को निभाया. छेरा पोंहरा की रश्म अदायगी के बाद चतुर्था मूर्ति को पुरोहितों ने श्रीगुंडिचा मंदिर तक पहुंचाया. इसके पश्चात चतुर्था मूर्ति का पोहंडी (झूलाते हुए) करते हुए रथ तक ले जाया गया. भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिये भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. गुंडिचा मंदिर पहुंचने पर चतुर्था मूर्ति का आरती उतारी गयी तथा भोग लगाया गया. भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया.
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ओड़िशा से आये संकीर्तन दल ने भक्ति का समां बांधा
हरिभंजा में रथ यात्रा के दौरान ओड़िशा से आये संकीर्तन दल ने आकर्षक संकीर्तन पेश किया. इस दौरान भक्ति गीत पेश करते हुए लोगों को खूब झूमाया. करीब 50 सदस्यीय संकीर्तन टीम द्वारा झंझाल, नगाड़ा व मृदंग के साथ संकीर्तन किया गया. इसे देखने के लिये बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे.
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खरसावां के गांवों में निकली रथ यात्रा
खरसावां व कुचाई के ग्रामीण क्षेत्रों में भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गयी. खरसावां के दलाईकेला, जोजोकुड़मी, पोटोबेड़ा, संतारी व कुचाई के गालूडीह, बंदोलौहर, चाकड़ी, मुंडादेव में भी प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा पूरे उत्साह के साथ निकाली गयी. यहां भी भक्तों ने भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की.