Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल डैम के पुनर्वास कार्यालय के समक्ष विस्थापितों का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा. हालांकि इस दौरान चार अनशनकारियों की तबीयत शुक्रवार को बिगड़ गई. इनमें नीमडीह प्रखंड क्षेत्र के ओडिया गांव के रहने वाले रिंकू महतो, दुलमी गांव के अर्जुन सिंह व विजय दास और पारगामा गांव के रहने वाले अश्वस्थामा कर्मकार शामिल हैं. तबीयत बिगड़ने की सूचना पाते ही अनुमंडलीय अस्पताल चांडिल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एचएस शेखर चिकित्सक दल के साथ अनशन स्थल पर पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जांच की. जांच के बाद चारों आंदोलनकारियों की गंभीर स्थिति को देखकर उन्हें स्लाइन चढ़ाया गया. चिकित्सक उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाना चाह रहे थे, लेकिन आंदोलनरत विस्थापितों ने अनशन स्थल पर ही उपचार करने के लिए कहा.
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आंदोलन को मिल रहा व्यापक समर्थन
चांडिल डैम से हुए 116 गांव के विस्थापित अपनी मांगों को लेकर पुनर्वास कार्यालय के समीप बुधवार से 15 विस्थापित अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे हैं. आमरण अनशन को डुब क्षेत्र के कोने-कोने से विस्थापित अपना समर्थन देने अनशन स्थल पर पहुंच रहे हैं. विस्थापितों ने कहा कि चांडिल डैम बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान सरकार ने जो वादे उनसे किए थे उसे पूरा करे. अन्यथा सरकार और विभाग की वादा खिलाफी के विरोध में विस्थापितों का आमरण अनशन जारी रहेगा. शुक्रवार को अनशन स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन देने वालों में समाजसेवी हिकिम चंद्र महतो, समाजसेवी खगेन महतो, भाजपा नेत्री सारथी महतो, चांडिल के मुखिया मनोहर सिंह सरदार समेत अन्य कई गणमान्य शामिल थे.
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भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है परियोजना
अनशन स्थल पर लोगों को संबोधित करते हुए समाजसेवी हिकिम चंद्र महतो ने कहा कि सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है. विस्थापितों के आंदोलन की लंबी कहानी है. इसके पहले भी कई बार अनशन किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि जबतक विस्थापित संगठित होकर अपनी लड़ाई खुद नहीं लड़ेंगे तबतक उनका कुछ नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल के नेता वोट देखकर काम करते हैं. उन्हें जहां वोट मिलेगा, वे वहीं पहुंच जाएंगे.