Chandil (Dilip Kumar) : शहीद रघुनाथ सिंह चुआड़ सेना ने चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी का समर्थन करते हुए कुड़मी समाज के प्रतिनिधियों पर बेवजह दबाव बनाने का आरोप लगाया है. चांडिल स्थित एक होटल में चुआड़ सेना ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कहा कि बुट पड़ासा घुटियाडीह भूमिज गांव है. बुटू भूमिज जाति के एक व्यक्ति का नाम था और पड़ासा उनका गोत्र. 1908 और 1964 के सर्वे सेटेलमेंट में भी इसका उल्लेख है. अंग्रेजों के साथ हुए युद्ध में हारने के बाद अंग्रेजों ने भूमिजों को जमीदारी से बेदखल कर लगान व्यवस्था शुरू किया था. लगान जमा नहीं करने के कारण अंग्रेजों ने जमीन की निलामी कर दी थी. वर्तमान में भी गांव में कई एकड़ बेनाम जमीन है, जो पहले भूमिजों के नाम दर्ज थे.
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ऐतिहासिक दस्तावेज के साथ करें बात
चुआड़ सेना के अध्यक्ष मानिक सरदार ने कहा कि समाज को दिग्भ्रमित करने वाले और उनके समर्थक फर्जी कार्य कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी के विरोध में सड़क पर उतरने की धमकी दे रहें हैं. इस मामले में अनुमंडल पदाधिकारी की कोई गलती नहीं है. चुआड़ सेना के द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के आधार पर कार्यालय का आदेश जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से एसडीओ को बिना ऐतिहासिक दस्तावेज या तथ्य के परेशान किया गया तो, संवैधानिक रूप से शहीद रघुनाथ सिंह चुआड़ सेना चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी के साथ खड़े होंगे.

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ऐसे में खत्म हो जाएगा आपसी समंजस्य
आदिवासी भूमिज मुंडा युवा संगठन के अध्यक्ष रवींद्र सरदार ने कहा कि घुटियाडीह में शहीद रघुनाथ महतो को लेकर अगर कोई ऐतिहासिक प्रमाण है तो सबके सामने प्रमाणित किया जाना चाहिए. वर्तमान में चल रहे तानातानी की स्थिति में आपसी सामंजस्य खत्म हो जाएगा. शहीद रघुनाथ महतो महान स्वतंत्रता सेनानी हो सकते हैं, लेकिन वे घुटियाडीह के नहीं हैं. मौके पर चुआड़ सेना के उपाध्यक्ष श्याम सरदार ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी के ऊपर राजनीतिक दबाव पड़ रहा है. राजनेता अगर गलत का साथ देते हैं तो आने वाले दिन उन राजनेताओं को उन्ही के भाषा में जबाव दिया जाएगा. मौके पर आदिवासी भूमिज मुंडा युवा एकता मंच झारखंड दिसुम, आदिवासी भूमिज मुंडा युवा संगठन चांडिल, अखिल भारतीय आदिवासी भूमिज मुंडा कल्याण समिति नीमडीह इकाई के सदस्य उपस्थित थे.