Chandil (Dilip Kumar) : केंद्र सरकार वर्ष 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने की बात कर रही है. इसके लिए काम भी किए जा रहे हैं. लेकिन दूसरी ओर स्वच्छ पेयजल के लिए बनी मिनी जल मीनारों की दुर्दशा से सरकार के इस मंसूबे पर पानी फेरता नजर आ रहा है. लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल मिले इसके लिए गांव-गांव में सोलर चलित जल मीनार लगाए गए हैं. गांव के अलावा क्षेत्र के प्रमुख स्थानों में भी जल मीनार लगाए गए हैं, ताकि भीड़-भाड़ वाले स्थानों और आवागमन करने वाले राहगीरों को भी स्वच्छ पेयजल मिल सके. लेकिन रख रखाव के अभाव में इन जल मीनारों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है. बड़ी संख्या में जल मीनार अब शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं.
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शिकायत के बाद भी नहीं बना खराब जल मीनार
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के ईचागढ़ प्रखंड अंतर्गत सितु बाजार में पिछले छह महीने से जल मीनार खराब है. ग्रामीणों का कहना है कि इस जल मीनार के पानी से सितु बाजार में आए लोग अपनी प्यास बुझाते थे. लेकिन अब जल मीनार के खराब हो जाने से लोगों को प्यास बुझाने के लिए पानी की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ता है. ग्रामीणों के अनुसार एक तो जल मीनार लगाने के समय ही जमकर अनियमितता बरती जाती है. साथ ही खराब होने पर उसे ठीक भी नहीं कराया जाता है. विदित हो कि ग्रामीणों द्वारा जल मीनार को दुरुस्त करवाने के लिए विभाग के अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई. लेकिन उसका नतीजा अब तक कुछ नहीं निकला है.
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विधायक निधि से बना था जल मीनार
सितु बाजार परिसर में जल मीनार का निर्माण ईचागढ़ की विधायक सविता के विधायक निधि से दो लाख 81 हजार रुपये की लागत से करवाया गया था. लेकिन लघु सिंचाई प्रमंडल सरायकेला की ओर से निर्मित जल मीनार ज्यादा दिनों तक लोगों की प्यास नहीं बुझा पाया. वहीं, जल मीनार की मरम्मत के लिए विधायक सविता महतो से भी गुहार लगाई गई. इसके बाद उन्होंने भी विभाग को खराब पड़े जल मीनार को दुरुस्त करवाने के लिए कहा है. लेकिन सितु बाजार परिसर का खराब पड़ा जल मीनार छह महीनों से प्रशासनिक व्यवस्था और पदाधिकारियों की लालफीताशाही रवैया का उदाहरण पेश कर रहा है.
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