Chandil (Dilip Kumar) : झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ और एएनएम-जीएनएम संघ अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इनमें चांडिल के करीब 70 अनुबंध चिकित्साकर्मी शामिल हैं. इसमें एएनएम, जीएनएम, पैथोलॉजिस्ट, लैब टेक्निशियन, एक्स-रे टेक्निशियन व अन्य कर्मचारी हैं. अनुबंधकर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में चिकित्सीय जांच व्यवस्था चरमरा गई है. वहीं हड़ताल को देखते हुए विभाग की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है और स्थायी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है.
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कुपोषण उपचार केन्द्र एक नर्स के भरोसे
अनुबंधकर्मियों के सामूहिक हड़ताल पर जाने से चांडिल अनुमंडल क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में वैक्सीनेशन का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया है. वहीं, अस्पतालों में कोई भी जांच नहीं हो पा रहा है जिससे मरीज के साथ उसके परिजन भी परेशान हो रहे हैं. अस्पतालों को छोड़कर फील्ड के सारे काम ठप हो गए हैं. कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद चांडिल स्थित कुपोषण उपचार केंद्र में एकमात्र नर्स ड्यूटी पर हैं. एक नर्स के सहारे 24 घंटे मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं दे पाना असंभव है. चांडिल प्रखंड के चावलीबासा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रसव गृह में एकमात्र नर्स रह गई है.
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फील्ड के कार्यों में पड़ा व्यवधान : उपाधीक्षक
अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर एचएस शेखर ने बताया कि अनुबंधकर्मियों के हड़ताल पर जाने का चिकित्सा व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ रहा है. फिलहाल स्थायी व आउटसोर्स कर्मियों से काम लिया जा रहा है. हड़ताल के दौरान अस्पतालों को छोड़ फील्ड का सारा काम ठप पड़ गया है. अस्पतालों में स्थायी और आउटसोर्स कर्मियों के बदोलत काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि चावलीबासा स्थित प्रसव गृह में दो अतिरिक्त नर्सों को भेजा गया है, जिससे वहां का काम प्रभावित ना हो.
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मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें सरकार : संघ
अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ और एएनएम-जीएनएम संघ ने सरकार से उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया है. संघ का कहना है कि 10-15 वर्ष से लोग स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध के आधार पर सेवा दे रहे हैं. अब तक उन्हें नियमित नहीं किया गया है. जबकि अनुबंधकर्मियों के स्थायीकरण की बात सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल था.