Chandil (Dilip Kumar) : सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कई गांव के लोग पिछले तीन महीने से अंधेरे में रहने को विवश हैं. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कुकड़ू प्रखंड अंतर्गत पंडरा व छोटा लापांग और नीमडीह प्रखंड के झिमड़ी गांव के टोला महुलीटांड़ में तीन महीने से ट्रांसफार्मर खराब है. वहीं, कुकड़ू प्रखंड के डेरे गांव में ट्रांसफार्मर चोरी हुए महीनों बीत गए. इन गांवों के लोग अंधेरे में गुजर-बसर करने को बाध्य हैं. लेकिन फिर भी तीन महीने बाद भी बिजली विभाग व जनप्रतिनिधियों का ध्यान इन ग्रामीणों पर नहीं जा रहा.
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बिजली की समस्या कर रही विकराल रूप धारण
बिजली वर्तमान में आवश्यक जरूरतों में से एक बन गया है. बिजली नहीं रहने से अब लोगों को इससे संबंधित कई प्रकार की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. क्षेत्र के लोग रोजमर्रा के कई कामों में जैसे-जैसे बिजली पर आश्रित हो रहे हैं, वैसे-वैसे क्षेत्र में बिजली की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है. अनुमंडल क्षेत्र के कई स्थानों में मात्र आठ से दस घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो रही है. सरायकेला-खरसवां की जिला परिषद उपाध्यक्ष मधुश्री महतो ने चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में व्याप्त बिजली समस्या के निदान के लिए विभागीय कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर समस्या के निदान करने का आग्रह किया है.
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अनुमंडल क्षेत्र में निर्माणाधीन हैं तीन पावर सब स्टेशन
अनुमंडल क्षेत्र में बिजली की अनियमित आपूर्ति के संबंध में विभाग के सहायक विद्युत अभियंता ने बताया कि बार-बार बिजली कट की समस्या के अलग-अलग कारण है. अधिकतर स्थानों में बिजली के तार काफी पुराने हैं. तेज हवा चलने पर तार गिरने का खतरा रहता है. जल्द ही सरकार की एक स्कीम के तहत पुराने ताराें को बदल कर केबुल तार लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत चांडिल प्रखंड के बानसा, नीमडीह प्रखंड के लुपुंगडीह और कुकड़ू प्रखंड के तिरूलडीह में पावर सब स्टेशन का निर्माण कराया जा रहा है. आने वाले छह महीनों के अंदर तीनों पावर सब स्टेशन काम करने लगेंगे. इसके बाद बिजली की आपूर्ति दुरुस्त हो जाएगी. सेक्शन के हिसाब से चांडिल में विभाग के पास मेन पावर पर्याप्त संख्या में है, लेकिन बड़ा क्षेत्र होने के कारण इतने मेन पावर से काम नहीं हो पा रहा है.
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अनियमित बिजली आपूर्ति का खमियाजा सबसे अधिक महिलाओं को उठाना पड़ रहा
वहीं, बिजली की समस्या को लेकर चांडिल स्टेशन बस्ती निवासी कल्पना दत्ता का कहना है कि बिजली की अनियमित आपूर्ति का खमियाजा सबसे अधिक महिलाओं को उठाना पड़ रहा है. घर में बिजली से संबंधित कार्य नहीं हो पा रहे हैं. बार-बार बिजली कटने से बिजली से चलने वाले सामान भी खराब हो रहे हैं. इससे भी अधिक बिजली की आंख मिचौली से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. स्कूलों में बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं. ऐसे में बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होना जरूरी है. विभाग व जन प्रतिनिधि बिजली उपभोक्ताओं के बारे में भी सोचें.
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भादुड़ीह क्षेत्र में बिजली आपूर्ति व्यवस्था की स्थिति काफी बदहाल
आसनबनी निवासी आनंद गोराई ने कहा कि चांडिल क्षेत्र के ग्राम पंचायत आसनबनी, चिलगु, भादुड़ीह क्षेत्र में बिजली आपूर्ति व्यवस्था काफी बदहाल स्थिति में है. आसमान में काले बादल छाते ही बिजली काट दी जाती है. ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ताओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही क्षेत्र में इन दिनों जंगली हाथियों का उत्पात चरम पर है. ऐसे में बिजली नहीं रहने से रात के अंधेरे में हाथियों का डर अधिक सताता है. बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होना बहुत जरूरी है.
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24 घंटे में महज 10 से 12 घंटे ही मिल पा रही बिजली
बड़ामटांड निवासी गुरुचरण साव ने कहा कि चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में पिछले दो-तीन साल से बिजली की समस्या ने विकराल रूप धारण किया है. हवा-पानी शुरू होने से पहले ही बिजली कट जाती है. जिससे यहां के उपभोक्ता काफी परेशान है. 24 घंटे में महज 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. जबकि क्षेत्र में स्थापित कल-कारखानों को फुल लोड बिजली मिलती है. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इस संबंध में हमारे विधायक व सांसद चुप्पी साधे हुए हैं. उन्हें जनता के इस समस्या से कोई लेना-देना नहीं है.
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बिजली की समस्या के कारण उपभोक्ताओं का जीना दूभर
फदलोगोड़ा निवासी वीरभद्र सेन ने कहा कि क्षेत्र में बिजली की समस्या इतनी भीषण है कि उपभोक्ताओं का जीना दूभर हो गया है. एक घंटे के लिए बिजली आती है और तीन-चार घंटे के लिए गायब रहती है. बिजली की अनियमित आपूर्ति से सबसे अधिक परेशानी महिला व विद्यार्थियों को हो रही है. तीन दिनों से बिजली सुबह तीन बजे गुल हो रही है और रात 11 बजे आ रही है. विभागीय पदाधिकारी व क्षेत्र के जन प्रतिनिधि उपभोक्ताओं को इस संकट से मुक्ति दिलाने के लिए उचित कार्रवाई करें.
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