Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल प्रखंड क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन हाथियों का झुंड किसी ना किसी गांव में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. गुरुवार की रात लगातार दूसरे दिन हाथियों ने मकान को क्षतिग्रस्त करने का काम जारी रखा. बुधवार की रात चांडिल प्रखंड के कुरली में मकानों का ध्वस्त करने के बाद जंगली हाथियों का झुंड गुरुवार की रात नारगाडीह में एक मकान को ध्वस्त कर मकान के अंदर रखे धान को अपना आहार बनाया. इसके पूर्व हाथियों का झुंड चालकबेड़ा स्थित बगान में आम समेत अन्य पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया. हाथियों के झुंड द्वारा मकान को ध्वस्त करने के दौरान ईंटा से दबकर शिवचरण मार्डी का सात मुर्गा व मुर्गी मर गये. शुक्रवार की सुबह वन विभाग के पदाधिकारियों के पहुंचने पर उन्होंने अपने नुकसान की जानकारी दी.
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हाथियों की संख्या 30 से 35 है
हाथियों का झुंड जब नारगाडीह गांव में घुसा उस समय गांव के शिवचरण मार्डी अपनी पत्नी गुरुवारी मार्डी के साथ आंगन में सोये थे. अचानक हाथियों के आने की आवाज सुनकर दोनों कमरे में घुस गए. बताया जा रहा है कि हाथियों की संख्या 30 से 35 के बीच है. हाथियों का झुंड शिवचरण मार्डी के मकान को ध्वस्त कर मकान के अंदर रखे धान को अपना आहार बनाया. हाथियों के आने पर दोनों घर के अंदर रखे धान के बड़े-बड़े बोरा के पीछे छुप गए. वहीं हाथियों ने मकान ध्वस्त करने के बाद सूंड़ से धान की बोरियों को बाहर की ओर खींचने लगे. अपने पास तक हाथियों के सूंड़ पहुंचने पर शिवचरण और उसकी पत्नी दोनों डर गए और दीवार की ओर दुबक कर बैठ गए. बताया जा रहा है कि हाथियों के झुंड ने करीब 10 क्विंटल धान को आहार बनाया और बर्बाद कर दिया.
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दंतैल हाथी ने फसलों को पहुंचाया नुकसान
वहीं दूसरी ओर चांडिल प्रखंड के रसुनिया और आसपास के क्षेत्र में दंतैल हाथी का उत्पात भी परवान चढ़ता जा रहा है. अकेला दंतैल हाथी खेतों में लगी फसलों का अपना निवाला बना रहा है और रौंद कर बर्बाद कर रहा है. हाथी ने खोका कर्मकार और सुकदेव महतो के खेत में लगी मकई, कुम्हड़ा व अन्य फसलों को रौंदकर बर्बाद कर दिया. पीड़ितों ने इसका सूचना वन विभाग के अधिकारियों काे देते हुए जंगली हाथियों से जान व माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. ग्रामीणों ने कहा कि देश के सबसे बड़े हाथी अभयारण्य दलमा में शायद हाथियों को भोजन के लाले पड़ रहे हैं, जिसके कारण अपनी भूख व प्यास मिटाने के लिए जंगली हाथियों का झुंड गांव की ओर रूख कर रहे हैं.