- पूर्व विधायक अरविंद सिंह की भाजपा में वापसी का कितना मिलेगा लाभ
Chandil (Dilip Kumar) : ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा संगठन में गुटबाजी चरम पर पहुंच गया था. ईचागढ़ भाजपा में जितने नेता उतने गुट की चर्चा चारों ओर थी. भाजपा के पूर्व विधायक साधुचरण महतो की मृत्यु के बाद ईचागढ़ में नेतृत्व की कमी साफ देखा जा रहा था. बीते दिनों संगठन के सदस्यों ने ही एक-दूसरे पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए थाना में मामला भी दर्ज कराया था.
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एक ही दिन एक ही स्थान पर कुछ दूरी में संगठन के अलग-अलग कार्यक्रम भी कर चुके हैं. वहीं गुटबाजी को पाटने और सभी को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास भी किए जा रहे थे. इसी बीच पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह की भाजपा में वापसी की खबर आ गई. मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ पूर्व विधायक अरविंद सिंह भाजपा में वापसी करेंगे. इसको लेकर चांडिल डैम के निकट रिसोर्ट में कार्यक्रम होगा, जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी शामिल होंगे.
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सभी को एक मंच पर ला पाएंगे अरविंद सिंह
भाजपा में वापसी के बाद क्या पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह सभी नेता व कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाने में सफल होंगे. वर्ष 2009 और 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान दिवंगत साधुचरण महतो और अरविंद सिंह के समर्थकों के बीच मारपीट की घटना घटी थी. 2014 के चुनाव के दौरान घटी मारपीट की घटना में दिवंगत साधुचरण महतो और अरविंद सिंह भी शामिल थे. घटना में दिवंगत साधुचरण महतो के हाथ की अंगुली टूट गया था और कई लोगों को चोटें लगी थी. पूर्व विधायक साधुचरण महतो की मृत्यु हो चुकी है.
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उनके समर्थक अब भी भाजपा में ही हैं. ऐसे में पूर्व विधायक अरविंद सिंह के भाजपा में वापसी के बाद क्या दिवंगत साधुचरण महतो के समर्थक उनके साथ एक मंच पर आएंगे. ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग गुटों में बंटी भाजपा कार्यकर्ताओं को क्या अरविंद सिंह एक मंच पर ला पाएंगे. सभी को एकजूट कर संगठन को मजबूत बनाने में सफल हो पाएंगे. इन सवालों को लेकर अब चर्चा का बाजार गर्म है.
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कद्दावर नेता माने जाते हैं अरविंद सिंह
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में किसी भी राजनीतिक दल का दबदबा नहीं रहा है. चुनाव के दौरान ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का मिजाज कुछ जुदा ही रहा है. अधिकतर चुनाव में मतदाताओं ने परिवर्तन का जनादेश दिया है. यही कारण रहा कि अब तक के चुनावी इतिहास में कोई भी प्रत्याशी यहां हैट्रिक नहीं लगा सका है. वर्ष 1967 में अस्तित्व में आए ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में अब तक दो ही विधायक ऐसे रहे जिन्होंने लगातार दो बाद चुनाव जीता है. वर्ष 1977 व 1980 में हुए विधानसभा चुनाव में फारवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार घनश्याम महतो (अब स्वर्गीय) ने और वर्ष 1995 व 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार निर्दलीय और एक बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह ने लगातार दो चुनाव जीते हैं. उनकी छवि एक कद्दावर नेता के रूप में है.
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चांडिल : जैक सदस्य ने तिरुलडीह के परीक्षा केंद्रों का किया निरीक्षण
Chandil (Dilip Kumar) : झारखंड अधिविद परिषद की ओर से आयोजित मैट्रिक व इंटरमीडिएट की वार्षिक परीक्षा चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में शांतिपूर्वक चल रही है. अनुमंडल क्षेत्र में मैट्रिक के लिए 17 और इंटरमीडिएट के लिए 11 परीक्षाकेंद्र बनाया गया है. इस दौरान सोमवार को झारखंड अधिविद परिषद (जैक) के सदस्य डॉ अरुण कुमार महतो ने चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के तिरुलडीह थाना क्षेत्र में संचालित हो रहे तीन परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया.
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सबसे पहले उन्होंने मध्य विद्यालय तिरुलडीह, उसके बाद मध्य विद्यालय कूदा कन्या और अंत में हाई स्कूल तिरुलडीह परीक्षाकेंद्र में संचालित परीक्षा का अवलोकन किया. परीक्षाकेंद्रों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने व्यवस्था पर संतुष्टि जताई और इसकी प्रशंसा की. उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण और कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजित हो रही है.
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दिए आवश्यक दिशा निर्देश
निरीक्षण के दौरान उन्होंने वीक्षकों और प्रबंधन को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जैक की ओर से परीक्षा को लेकर जारी आवश्यक दिशा-निर्देशों का अरक्षश: अनुपालन सुनिश्चित करें. परीक्षा को लेकर किसी प्रकार की कोताही क्षम्य नहीं होगा. शांतिपूर्ण और कदाचारमुक्त परीक्षा का आयोजन करना केंद्राधीक्षक का दायित्व है.
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इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों की उज्ज्वल भविष्य की कामना की. मालूम हो कि सोमवार को मैट्रिक की सामाजिक विज्ञान की परीक्षा हुई. मध्य विद्यालय तिरुलडीह परीक्षा केंद्र में 230 में से 222 परीक्षार्थी उपस्थित थे, जबकि 08 अनुपस्थित रहे, मध्य विद्यालय कूदा कन्या में 307 में से 303 उपस्थित थे, जबकि 04 बच्चें अनुपस्थित रहे. वहीं हाई स्कूल तिरूलडीह के परीक्षा केंद्र में 255 में सभी परीक्षार्थियों ने परीक्षा दिया.
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चांडिल : विद्यादायिनी मां सरस्वती की पूजा को लेकर उत्साह चरम पर
- आकर्षक प्रतिमाओं को दिया जा रहा अंतिम रूप, पूजा सामग्री की सजी दुकान
Chandil (Dilip Kumar) : बसंत पंचमी के नजदीक पहुंचने के साथ ही विद्यादायिनी मां सरस्वती की पूजा की तैयारियां जोरों पर चल रही है. मां सरस्वती की पूजनोत्सव के लिए गांव से लेकर बाजार क्षेत्र में आकर्षक पूजा पंडालों का निर्माण किया जा रहा है. इसकी तैयारी शैक्षणिक संस्थानों में भी की जा रही है. वहीं देवी की आकर्षक व भव्य प्रतिमा बनाई जा रही है. बसंत पंचमी के दिन अनुमंडल क्षेत्र के लगभग हर घर, स्कूल, कार्यालय या संस्थान में देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. इसको लेकर विद्यार्थी वर्ग में खासा उत्साह देखा जा रहा है. मां सरस्वती पूजा के उपलक्ष्य पर जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है. पूजा पंडाल व घर में पूजा स्थल की साज-सज्जा के लिए भी दुकानें सजने लगा है. पूजा सामग्री की दुकान भी चौक-चौराहों पर लगने लगा है.
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प्रतिमाओं को दिया जा रहा फिनिशिंग टच
चांडिल, चौका, बड़ामटांड, चिलगु, रघुनाथपुर, झिमड़ी, तिरुलडीह, आदरडीह, कुकड़ू, मिलन चौक समेत कई स्थानों में मूर्तिकार देवी की प्रतिमा बना रहे हैं. देवी की भव्य व आकर्षक प्रतिमा गढ़ने के लिए मूर्तिकार दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. पूजा के दिन नजदीक पहुंचते ही मूर्तिकार प्रतिमाओं को फिनिशिंग टच देने में जुट गए हैं. इस वर्ष 14 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. इस संबंध में मूर्तिकारों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से मूर्ति बना रहे हैं. माता सरस्वती की मूर्ति को विभिन्न डिजाइनों में मांग के अनुसार बनाया जा रहा है.
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लगभग ढाई महीने पहले से मूर्ति बनाने का काम शुरू किया गया है. मूर्तिकारों ने बताया कि इस वर्ष बाजार में एक हजार से लेकर बीस हजार तक की प्रतिमा उपलब्ध है. क्षेत्र में विद्यार्थी व युवा वर्ग मीडियम आकार का प्रतिमा लेते हैं. अधिक बड़ी मूर्ति की मांग कम है. बाजार में सामग्रियों की बढ़ती कीमत और मेहनत के अनुसार मूर्तियों का दाम नहीं मिल पाता है. सरकार की ओर से भी उन्हें किसी प्रकार का प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है.