पिछड़ा वर्ग के तथाकथित नेताओं की निकली हवा 15 फीसदी ही पहुंचे लोग.
ओबीसी दो फाड़, भीड़ जुटाने में ओबीसी के तथाकथित नेता रहे नाकाम
Sanjeet Yadav
Palamu : मेदिनीनगर के हाउसिंग कॉलोनी में रविवार को पिछड़ा वर्ग का पलामू प्रमंडलीय सम्मेलन था. इस सम्मेलन का नेतृत्व ब्रह्मदेव प्रसाद कर रहे थे. मौके पर 15 फीसदी लोग ही लोग पहुंच पाए. ज्यादातर कुर्सियां खाली ही रही. सम्मेलन की नाकामी पर लोग ओबीसी समाज के ठेकेदारों पर तंज कसना शुरू कर दिया है. पूर्व के ओबीसी नेताओं में नाराजगी दिखाई दे रही है. कुछ ओबीसी के लोग दबे जुबान से कह रहे हैं कि पलामू प्रमंडल में ओबीसी की जनसंख्या 75 फीसदी है. उस 75 प्रतिशत में 15 प्रतिशत ही ओबीसी वर्ग के लोग पहुंचे थे. कुछ लोगों ने बताया कि ओबीसी समाज आज किसी का मोहताज नहीं है. समाज के लोग हर क्षेत्र में अपना नाम कमा रहे हैं. लेकिन कई ओबीसी नेताओं तो प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सम्मेलन का विरोध किया तो कई ओबीसी नेता कह रहे हैं कि पैसे के बल पर समाज के कुछ लोग ओबीसी के नेता बनना चाह रहे हैं. लेकिन वे भीड़ जुटाने में नाकाम रहे. हम लोग उनके बहकावे में नहीं आएंगे. बताया गया कि चुनाव को देखते हुए ओबीसी सम्मेलन किया गया था. चुनाव के बाद तथाकथित नेता नहीं दिखाई पड़ेंगे.
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सम्मेलन में ओबीसी के बड़े नेता नहीं हुए शामिल
बता दें कि पिछले दो महीनों से ओबीसी के नाम पर राजनीतिक की जा रही थी. ओबीसी एकता अधिकार मंच के संयोजक ब्रह्मदेव प्रसाद द्वारा आयोजित सम्मेलन में ओबीसी के कोई विधायक या ओबीसी के बड़े नेता शामिल नहीं हुए. ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के नाम पर ओबीसी मंच द्वारा अलग-अलग कार्यक्रम आयोजन किये जा रहे थे. इसके बाद मेदिनीनगर के हाउसिंग कॉलोनी में मंडलीय सम्मेलन रखा गया था. इसमें कुर्सियां खाली रही. इस पर ओबीसी नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है.
क्या कहते हैं ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष अजीत मेहता
ओबीसी मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष अजीत मेहता ने बताया कि ये ओबीसी का सम्मेलन नहीं था. यह ब्रह्मदेव प्रसाद का सम्मेलन था. उन्होंने कहा कि जब-जब चुनाव आता है, तब कुछ लोग ओबीसी को बेचना शुरू कर देते हैं. कुछ लोग ओबीसी के नाम पर अपना वोट बैंक बनाना चाहते हैं. अजीत मेहता ने ओबीसी नेताओं पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि तथाकथित खुद को ओबीसी नेता बताने वाले तब कहां थे जब ओबीसी वर्ग अपने अधिकार के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष कर रहा था.
पिछड़ा वर्ग महासभा के केंद्रीय संयोजक सतीश कुमार ने जताया विरोध
आजसू पार्टी केन्द्रीय सचिव सह अखिल झारखण्ड पिछड़ा वर्ग महासभा के केन्द्रीय संयोजक सतीश कुमार ने कहा कि पलामू प्रमंडल मे तथाकथित पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने पिछडा वर्ग का सम्मेलन किया. मगर उक्त सम्मेलन में पिछड़ा वर्ग की मांग पर चर्चा कम हुई. संघर्ष की बात छोड़ तथाकथित पूजीपतियो को पैसे से तौल कर नेताओं को स्थापित करने की कोशिश की गई. कार्यक्रम में शामिल पिछड़ा वर्ग के लोग अपने को ठगा सा महसूस किया. पलामू प्रमंडल में नेताओ को चुनाव लड़ने की मंशा है तो जनता को गुमराह नही कर साफ साफ बताना चाहिए. अगर पिछड़ा वर्ग के क्रिमिलेयर की आवादी कम संख्या में है. अति पिछड़ा वर्ग की बड़ी आबादी है जो आर्थिक सामाजिक व राजनीतिक रूप से काफी पिछड़ा है. सरकार ट्रिपल टेस्ट करा कर बिहार की तर्ज पर झारखण्ड में भी अति पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करे. अति पिछड़ा वर्ग के महापुरुषों को सम्मान दे. सभी पिछड़ा वर्ग के नेतृत्वकारी साथियो से आह्वान करते हैं कि चंद तिकड़मी नेताओं के चंगुल से निकल कर पिछडा वर्ग के आबादी के अनुपात में आरक्षण की लडाई को तेज करे.
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आजतक ऐसा सम्मेलन पलामू प्रमंडल में नहीं हुआ : ब्रह्मदेव प्रसाद
इन सब बातों को खारिज करते हुए ओबीसी एकता अधिकार मंच के अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद ने बताया कि ऐसा सम्मेलन पलामू प्रमंडल में आजतक नहीं हुआ. हमारे समाज के नेता खीरु महतो ने विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए सम्मेलन में कहा कि जो भी ओबीसी को हक अधिकार दिलाने की बात करेंगे हम उसके साथ हैं. ब्रह्मदेव प्रसाद ने आगे बताया कि कुछ विरोधियों को यह हजम नहीं हो रहा हैं. बात भीड़ की तो भीड़ इतनी थी कि पूरा मेदिनीनगर शहर जाम हो गया था.
सवाल उठाने वाले कर रहे राजनीति : जुगल पाल
ओबीसी एकता अधिकार मंच के संरक्षक मंडली के सदस्य जुगल पाल ने बताया कि ये सम्मेलन कोई राजनीतिक नहीं था. यह एक सामाजिक मंच था, जो आज ओबीसी समाज में 82 ओबीसी जाति को जोड़ने का काम किया है. यह कार्यक्रम सफल रहा. जो इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं वही लोग राजनीतिक कर रहे हैं.