Chandwa: रोजगार गारंटी कानून के तहत क्षेत्र में चलाया जा रहा मनरेगा खस्ताहाल है. मनरेगा एक महत्वाकांक्षी योजना ही नहीं एक कानून भी है. इस कानून के द्वारा मजदूर को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी मुहैया कराना जाना है. इस योजना में कार्य कर रहे मजदूरों को समय पर मजदूरी की भुगतान नहीं होने से योजना में पंजीकृत मजदूर की रूचि भी काम से खत्म होती जा रही है.
चंदवा प्रखंड क्षेत्र के मजदूरों का कहना है कि लगभग महीने भर से हम लोगों को कार्य के मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. हम लोग रोज कमाने खाने वाले हैं, हम लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि हम लोग मनरेगा योजना में किए गए कार्य की मजदूरी का इंतजार करते रहें. इससे आगे कहा, समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं मिल पाने से हम सबों के घर परिवार में दो समय का खाने के लिए सोचना पड़ता है. इसलिए हम लोग मनरेगा योजना पर काम नहीं करना चाहते हैं, एक तो कम मजदूरी, दूसरे समय पर भुगतान का नहीं होना यह हम लोगों की योजना से बड़ी समस्या है.
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योजना से हम लोग भी परेशान हैं – ब्लॉक कर्मी
इस बारे में ब्लॉक कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि योजना से हम लोग भी परेशान हैं. लगभग डेढ़ साल से कुछ योजनाओं के लिए मेटेरियल का फंड ही नहीं आ रहा है, और ऊपर से दबाव रहता है कि काम करवाइए, काम करवाइए तो ऐसे में हम लोग काम करवाएं तो आखिर कैसे करवाएं.
प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार ने इस बारे पूछे जाने पर बताया कि हम इसके विषय में पता करते हैं. एफटीओ करते हैं. कहा कि इसका पैसा सीधे पंचायत को जाता है.
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