Dinesh Kumar Panday
Bokaro : चास निगम के अधिकारियों ने केंद्र एवं राज्य सरकार के दिशा निर्देशों को दरकिनार करते हुए निगम क्षेत्र के बाहर गरगा पुल के समीप अमृत पार्क फेज 5 का निर्माण कराया. इस योजना पर विभाग द्वारा 1 करोड़ 56 लाख रुपए खर्च किये गये हैं. एक अन्य योजना के तहत कैंप दो में टाउन हॉल बनाने के लिए स्वीकृत दी गयी हैं. इस योजना पर 24.46 करोड़ रूपए खर्च किये जायेंगे. दोनों योजनाएं विकासोन्मुखी हैं. लेकिन निगम की दोनों योजनाओं का कार्यान्वयन निगम क्षेत्र से बाहर हो रहा है, ऐसे में इन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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निगम क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय होगा
बोकारो चास नगर निगम क्षेत्र से बाहर आता है. यदि दोनों योजनाएं बोकारो के धरातल पर उतारी जाती है तो निगम क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय होगा. इस योजना में लगने वाली लागत अगर निगम क्षेत्र में उपयोग होता तो लोगों को काफी फायदा होता. बता दें कि निगम क्षेत्र के कई वार्डों में पेयजल आपूर्ति अबतक बहाल नहीं हुई हैं. कई मोहल्लों में नालियां,गलियां नहीं है. यदि इन योजनाओं पर काम हुआ रहता तो चास निवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो जाती. लेकिन निगम ने उस राशि को क्षेत्र से बाहर खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी.
सेल की जमीन पर वसूली जाती हैं पार्किंग शुल्क
निगम सेल की जमीन पर सड़क किनारे लोगों की गाडियां पार्किंग करवाकर उनसे पार्किंग शुल्क वसूले रही हैं.जिसके कारण आये दिन विवाद होता रहता है.
डीसी के रिक्वेस्ट पर खर्च हुई राशि
जब इस योजना के नगम क्षेत्र के बाहर धरातल पर उतारने पर निगम के अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि डीसी साहब का पर्सनल रिक्वेस्ट पर टाउन हॉल बनाने पर सहमति दी गई है.चूंकि जनहित के ख्याल में यह आवश्यक था.उन्होंने कहा कि चास बोकारो में कोई अंतर नहीं है.दोनो एक ही जगह है.हालांकि डीसी साहब ने कोई लिखित निर्देश नहीं दिया है.
विभाग ने भी दिया सहमति
नगर आयुक्त ने बताया कि हमने विभाग को प्रस्ताव भेजा था. जब विभाग ने सहमति प्रदान हुई तो इस कार्य का आधारशिला रखी गई. इसके लिए टेंडर भी किया गया. जिसके बाद ठेकेदार ने काम शुरू किया है.
स्थानीय लोग उठा रहे सवाल
स्थानीय निवासी विपिन पाठक का कहना है कि जब निगम का राशि बोकारो में खर्च हो रहा है तो चास के काला पत्थर में बन रहे पीएम आवास का लाभ बोकारोवासियों को क्यों नहीं मिलेगा. निगम द्वारा आवास आवंटन, नली गली के लाभ से वंचित क्यों रखा जा रहा है. ऐसे में निगम के बाहर खर्च करने की अनुमति जब देना शुरू हुआ है तो लागू सभी योजनाओं में होना चाहिए था.
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