Chatra: बिहार के गया और झारखंड के चतरा जिला की सीमा से लगा कोलेश्वरी जोन भाकपा माओवादी का गढ़ माना जाता है. इन दिनों चतरा पुलिस एसपी राकेश रंजन के नेतृत्व में कौलेश्वरी जोन को नक्सल मुक्त कराने में जुटी हुई है. सीआरपीएफ 190 बटालियन और झारखंड पुलिस के जवान जंगल के चप्पे-चप्पे को छान रही है. जिससे छिपे नक्सलियों को तलाशा जा सके. इस दौरान कई बार सुरक्षा बल और भाकपा माओवादी के बीच मुठभेड़ भी हो चुकी है.
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ऑपरेशन कोलेश्वरी लॉन्च किया है
झारखंड-बिहार सीमा पर स्थित नक्सल गढ़ कोलेश्वरी जोन में भाकपा माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी के सदस्य गौतम पासवान, इंदल, मनोहर भुइयां,अभ्यास गंझू, निरु, अमरजीत, शहदेव और संतोष भुइयां सक्रिय नक्सली हैं. इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने के लिए ऑपरेशन कोलेश्वरी लॉन्च किया गया है. इस अभियान का नेतृत्व पुलिस कप्तान राकेश रंजन खुद कर रहे हैं. जिसमें उनका साथ सीआरपीएफ कमांडेंट दे रहे हैं. इस अभियान के दौरान टीम कोलेश्वरी जोन के सबसे प्रभावित इलाके गड़िया, अमकुदर व सहोर समेत एक दर्जन गांवों में सड़कों का निर्माण भी करा रही है.
13 दिनों में दौरान दो बार हुई मुठभेड़
चतरा के हंटरगंज-वशिष्ठनगर थाना क्षेत्र के फाटा गांव के आसपास के क्षेत्रों में शनिवार (1 अक्टूबर) को सुरक्षा बलों और भाकपा माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. 13 दिनों में माओवादियों के साथ मुठभेड़ की यह दूसरी घटना हुई है. इससे पूर्व 18 सितंबर को चतरा-पलामू बॉर्डर स्थित वीरमाटकुम जंगल में हुई थी. जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था. दोनों बार हुई मुठभेड़ में कई नक्सलियों को भी गोली लगी. हालांकि उसके साथी उन्हें लेकर भागने में सफल रहे. सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के एक इंसास राइफल, चार मैगजीन, एक एलएमजी मैगजीन, 195 कारतूस, कई मोबाइल फोन, दवाईयां, दो केन आइइडी, वायरलेस सेट, नक्सली साहित्य व दैनिक उपयोग में आने वाले सामान भी बरामद किए हैं.
मुख्यधारा में लौटें व कर दें आत्मसमर्पण: एसपी
चतरा एसपी राकेश रंजन का कहना है कि भाकपा माओवादी के सदस्यों से अपील है कि वह मुख्यधारा में लौटें और आत्मसमर्पण कर अच्छी जिंदगी जिएं. नहीं तो पुलिस की गोली का खाने के लिए तैयार रहें.
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